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Bettiah : गन्ना उत्पादन बढ़ाने को कृषक प्रशिक्षण शिविर

थरुहट क्षेत्र के किसानों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में न्यू स्वदेशी शुगर मिल ने बड़ा कदम उठाया है.

— तीन सौ किसानों ने लिया संकल्प गन्ने की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर दिया बल नरकटियागंज . थरुहट क्षेत्र के किसानों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में न्यू स्वदेशी शुगर मिल ने बड़ा कदम उठाया है. जिन खेतो में महज 15 से 20 टन प्रति एकड़ गन्ने की उपज होती थी उन खेतों में अब 40 टन प्रति एकड़ गन्ने की उपज होगी. सरकार और मिल प्रबंधन के सपने को साकार करने के लिए थरूहट क्षेत्र के जम्हौली फार्म पर मंगलवार को एक साथ तीन सौ से उपर किसानों ने न केवल गन्ने की खेती का दायरा बढ़ाने का संकल्प लिया बल्कि मिल प्रबंधन को ये भरोसा भी दिलाया कि वे अपेन क्षेत्र में गन्ने की आधुनिक तकनीक से बुवाई कर चीनी मिल के 10 हजार एकड़ खेत में गन्ने की खेती कर रिकार्ड भी बनाएंगे. चीनी मिल के यूनिट हेड रविन्द्र कुमार तिवारी और डेप्युटी यूनिट हेड राजीव कुमार त्यागी समेत अन्य अधिकारियों ने किसानों के उत्साह की सराहना की. यूनिट हेड श्री तिवारी ने कहा कि गन्ने की बुवाई चार फीट की दूरी पर करने से 30-35 प्रतिशत बीज की बचत होती है, फसल को पर्याप्त धूप मिलती है और कीट-बीमारियों का प्रकोप भी घटता है साथ ही ट्रैक्टर से निराई-गुड़ाई आसान हो जाती है. उन्होने कहा कि मिल प्रबंधन गन्ना उद्योग विभाग के साथ मिलकर किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. किसान गोष्टी में चीनी मिल के अधिकारी संजय राय, योगेन्द्र सिंह, अजीत सिंह , सी बी चौधरी, राहुल राठी, एरिया इंचार्ज अनिल सिंह प्रगतिशील किसान विजय यादव, फिरोज आलम हमीद खान, विंदा यादव, शेख मुस्तफा, समीर बनिक, पूनम ठाकुर, शत्रुघ्न दिश्वा समेत काफी संख्या में किसान मौजूद रहे. मशीनों पर सब्सिडी और योजनाओं का लाभ डिप्यूटी यूनिट हेड राजीव कुमार त्यागी ने मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना की जानकारी देते हुए कहा कि किसान भाई ऑटोमैटिक केन प्लांटर मशीन से बुवाई करें, जिससे श्रम और लागत दोनों की बचत होगी और उत्पादन अधिक मिलेगा. उन्होंने बताया कि चीनी मिल किसानों को गहरी जुताई के लिए डिस्क प्लाउ, ऑटोमैटिक केन प्लांटर, एम.बी. प्लाउ और स्प्रे मशीन 25 से 30 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध करा रही है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती केवीके नरकटियागंज के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अभिनव पात्रा ने किसानों को वैज्ञानिक विधि से गन्ना बुवाई, मृदा परीक्षण, जैविक खाद, संतुलित उर्वरक प्रयोग, आई.पी.एम. तकनीक और उचित सिंचाई प्रबंधन की जानकारी दीण् वहीं उप महाप्रबंधक (गन्ना) श्री प्रेम सिंह ने किस्म चयन, बीज उपचार, लाल सड़न और बड़वा कीट नियंत्रण पर विस्तृत जानकारी दी.

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