सिकटा. स्थानीय बॉर्डर चौक स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में पुलिस की वर्दी पहनकर ड्यूटी कर रहे एक युवक की पोल उस समय खुल गई जब स्थानीय दुकानदारों ने उसकी हरकतों पर संदेह जताया. दुकानदारों की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को धर दबोचा और जांच में पूरा मामला फर्जी निकला. गिरफ्तार युवक की पहचान शिकारपुर थाना के रखही निवासी सैफुल्लाह मियां के पुत्र रफे आलम के रूप में हुई है.जानकारी के अनुसार, 2 अक्तूबर को दुर्गा पूजा के मौके पर जब पुलिस पदाधिकारी एएसआई सुभाष कुमार ड्यूटी पर थे, तभी स्थानीय दुकानदार फिरोज तनवीर और विकास कुमार ने उनसे शिकायत की कि उनकी टीम का एक सिपाह प्रत्येक दुकानदार से 50-50 हजार रुपये प्रति माह रंगदारी की मांग कर रहा है और पैसा नहीं देने पर नशीले पदार्थ के झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दे रहा है. एएआई की सूचना पर जब थानाध्यक्ष ने उक्त सिपाही से पूछताछ की तो उसने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए ड्यूटी का आदेशपत्र दिखाया, लेकिन जांच करने पर आदेशपत्र फर्जी पाया गया. तलाशी के दौरान रफे आलम के पास से एक कॉम्बैट वर्दी, एक खाकी वर्दी जिस पर बिहार पुलिस का बैच और नेम प्लेट लगी थी, दो बेल्ट, तीन बैरेट कैप, पिस्तौल रखने का कवर और तीन बैंकों के एटीएम कार्ड बरामद किए गए. जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से पुलिस की वर्दी पहनकर दुकानदारों से अवैध वसूली करता था. थानाध्यक्ष नितीश कुमार ने बताया कि आरोपी को 4 अक्तूबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
बिहार पुलिस ने नौकरी की दी थी घरवालों को जानकारी
थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपी रफे आलम ने यह भी कबूल किया कि वह अपने घरवालों को वह बताता था कि उसकी नौकरी बिहार पुलिस में लग गई है और इसी बहाने वह इलाके में रौब झाड़ता था. काफी दिनों से वह इलाके में सक्रिय था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

