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Bettiah : तीसरी कक्षा तक पढ़े धर्मनाथ बने बागवानी के रोल मॉडल, नर्सरी और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से रच रहे सफलता की कहानी

मच्छरगांवा नगर पंचायत के धर्मनाथ पटेल कॉन्टेक्ट फॉर्मिंग के जरिए फलदार पौधों की नर्सरी लगा कर अपने भूमिहीन परिवार के साथ खुशहाल और उन्नतिशील जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

– 24 साल की उम्र में 40 डिस्मिल परती जमीन से शुरू किया सफर, आज पांच एकड़ में फलदार पौधों और नगदी फसलों का सफल कारोबार

– आम, लीची, कटहल की नर्सरी से बदली किस्मत, भूमिहीन परिवार को दिया आत्मनिर्भर जीवन

– आधा दर्जन भूमि-धारकों से अनुबंध कर मिश्रित खेती का विस्तार, युवाओं के लिए बने प्रेरणा स्रोत

– सरकार की आर्या योजना से जोड़ने की पहल, कृषि वैज्ञानिक करेंगे कारोबार का अध्ययन

बेतिया . मच्छरगांवा नगर पंचायत के धर्मनाथ पटेल कॉन्टेक्ट फॉर्मिंग के जरिए फलदार पौधों की नर्सरी लगा कर अपने भूमिहीन परिवार के साथ खुशहाल और उन्नतिशील जीवन व्यतीत कर रहे हैं. गरीबी के कारण वर्षों प्रवासी मजदूर बने रहने में प्राप्त अनुभव के आधार पर अब से दस साल पहले मात्र 24 साल की उम्र में कंटेक्चुवल फार्मिंग एग्रीमेंट के जरिए प्राप्त करीब 40 डिसमिल परती जमीन में बागवानी नर्सरी लगाकर आसपास के क्षेत्र में बाग बगीचा लगवा कर जीविकोपार्जन की शुरुआत की थी. कारोबार में क्रमवार अपनी विश्वनीयता बढ़ाकर आज आधा दर्जन भू-धारकों से अनुबंध पर कुल करीब पांच एकड़ जमीन लेकर बागवानी के साथ नगदी फसलों की मिश्रित खेती का कारोबार कर रहे हैं. जिसके दम पर पूर्णतया भूमिहीन किसान धर्मनाथ पटेल कारोबार में पत्नी संगीता देवी के साथ इंटर की विद्यार्थी कुमकुम, मैट्रिक की परीक्षार्थी रिया, दसवीं में पढ़ रहे पुत्र राजकुमार और आठवीं में पढ़ रही बेटी अर्चना का भी सहयोग प्राप्त होता है. जिनके सहयोग से तीन प्लॉट करीब डेढ़ एकड़ में फलदार पेड़ों की नर्सरी लगाए हैं.जिसमें शाही लीची,आम जर्दालू,डंका अर्थात लंगड़ा,दशहरी, आम्रपली,करैला,दालमा आदि प्रजाति के आम के पौधों की नर्सरी से अपने भरेपूरे परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.उसी की आमदनी अब साढ़े तीन एकड़ वर्षों से परती पड़ी अनेक भू-धारकों की वर्षों से परती पड़ी जमीन लेकर सालाना कुल करीब सवा लाख रुपए की लीज पर लेकर मिश्रित खेती कर रहे हैं.धर्मनाथ पटेल बताते हैं कि लीज भूखंडों में बागवानी लगाने के साथ उसी जमीन में उन्नत प्रजाति का केला, आलू, कद्दू बैगन,मूली आदि नगदी फसलों की खेती कर के पारिवारिक जीवन यापन के साथ लीज एग्रीमेंट अनुसार भुगतान भी करते हैं. ———————–

मिलेगा आर्या योजना का लाभ: डॉ अभिषेक प्रताप

माधोपुर (मझौलिया) कृषि अनुसंधान केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक प्रताप सिंह से बात की.तब उन्होंने बताया कि धर्मनाथ पटेल जैसे युवा के बारे में जानकारी पाकर हमें बहुत खुशी हो रही है. उनकी समस्याओं का निदान के साथ उनके जैसे उद्यमियों की मदद के लिए सरकार की “आर्या “(एआरवाईए) अर्थात अट्रैक्टिंग एंड रिटेनिंग यूथ इन एग्रीकल्चर योजना से उन्हें लाभान्वित करने की पहल हम स्वयं करेंगे. डॉ सिंह ने बताया कि माधोपुर कृषि अनुसंधान केंद्र का अध्ययन दल शीघ्र ही धर्मनाथ पटेल के कारोबार का निरीक्षण करेगा. उक्त रिपोर्ट के आधार पर उनके कारोबार को और विस्तार देने के साथ उनकी समस्याओं के निदान की आर्या योजना के तहत सभी जरूरी पहल हम स्वयं करेंगे.

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