डंडारी. प्रखंड क्षेत्र में सूर्योपासना व लोक आस्था का महापर्व वैशाखी छठ का समापन रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. चार दिवसीय लोक आस्था महापर्व के चौथे दिन सुबह से ही लोग विभिन्न जलाशयों पर घाटों व आवासीय परिसर में बने पोखरों में व्रती व श्रद्धालुओं में उदीयमान सूर्य को अर्ध्य अर्पित किया. साथ ही परिवार व समाज के लिए मंगल कामनाओं के साथ – साथ सुख, शांति और समृद्धि की मंगल कामना की. अर्घ्य देने के बाद उपवास रखने वाले व्रतियों ने छठ मैया का प्रसाद ग्रहण कर व्रत का समापन किया. नावकोठी प्रतिनिधि के अनुसार प्रखंड के विभिन्न गांव में बैसाखी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. महिलाओं ने सात्विक वस्त्र पहनकर सूर्य भगवान को जल चढ़ाते हुए प्रसाद का भोग अर्पण किया. बैसाखी छठ माह के पिछले पक्ष में पहले या दूसरे रविवार को मनाया जाता है. इस पर्व को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि नई फसल का आगमन होता है.बैसाखी का पर्व देश के विभिन्न राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है.
कृषि उत्सव के साथ धार्मिक पर्व के रूप में भी देखा जाता है
इस पर्व को मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. पंजाब और हरियाणा में इस पर्व का विशेष महत्व है. बैसाखी को कृषि उत्सव के साथ-साथ एक धार्मिक पर्व के रूप में भी देखा जाता है. सिख धर्म के लोग सिख नव वर्ष के रूप में भी मनाते हैं. वहीं हिंदू धर्म के लोग भी बैसाखी पर्व को बैसाखी छठ के रूप में सदियों से मनाते आ रहे हैं. छठवर्ती महिलाओं ने रविवार के दिन नदी घाट पर जाकर फल और प्रसाद चढ़ाकर चढते सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया. परिवार के सुख,शांति व निरोग काया की कामना की.
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