बेगूसराय. जिला एवं सत्र न्यायाधीश 4 शबा आलम की अदालत ने गुरुवार को बीरपुर थाना कांड संख्या 325/ 1992 की सुनवाई करते हुए रिटायर शिक्षक रवींद्र सिंह को जानलेवा हमले में दोषी घोषित किया. सजा के बिंदु के सुनवाई के बाद न्यायालय ने रिटायर्ड शिक्षक रवींद्र सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 307 में दोषी पाकर 10 साल सश्रम कारावास एवं 20 हजार अर्थदण्ड की सजा सुनाई. इसके अलावा न्यायालय ने आरोपित रिटायर शिक्षक रवींद्र सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 148 में दोषी पाकर 2 साल कारावास एवं 5 हजार अर्थदण्ड की सजा सुनाई. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक दिलीप कुशवाहा ने कुल पांच गवाहों की गवाही कराई. आपको बता दे की रिटायर्ड शिक्षक रवींद्र सिंह के द्वारा किए गए काउंटर केस बीरपुर थाना कांड संख्या 326/ 1992 के सभी आरोपित को न्यायालय ने संदेह का लाभ देकर रिहा कर दिया. आरोपित पर आरोप है कि बीरपुर थाना के ग्राम सहुरी में 18 अगस्त 1992 को 7:30 बजे सुबह में ग्रामीण सूचक रामाशीष सिंह घर जाने वाले रास्ते पर गाय का नादी बैठा दिया था. जिससे आंगन तक जाने में कठिनाई होती थी. गाय का नादी हटाने को लेकर हुई विवाद में आरोपित अन्य लोगों के साथ मिलकर जान करने के नियत से बरछी और फरसा जलाकर सूचक को गंभीर रूप से घायल कर दिया.
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