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Begusarai News : मनरेगा को निरस्त करने व जी राम जी विधेयक के खिलाफ किया प्रदर्शन

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ताओं ने ट्रैफिक चौक के समीप प्रधानमंत्री और बिहार के गृहमंत्री सम्राट चौधरी का पुतला फूंका.

बेगूसराय. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ताओं ने मनरेगा कानून के स्थान पर महात्मा गांधी का नाम हटाकर लागू किये जाने वाले जी राम-जी विधेयक, बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों के घरों और फुटकर दुकानदारों की दुकानों पर बुलडोजर चलाकर उजाड़े जाने के खिलाफ ट्रैफिक चौक के समीप प्रधानमंत्री और बिहार के गृहमंत्री सम्राट चौधरी का पुतला फूंका. इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने पावर हाउस के निकट झंडे-बैनर के साथ जुलूस निकाला और वीबी-जी राम-जी कानून को वापस लेने, बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों के घर और दुकानों को उजाड़ना बंद करने जैसी मांगों के नारे लगाये. सभा को संबोधित करते हुए राज्य सचिव मंडल सदस्य और बेगूसराय के पूर्व विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार नए कानून बनाकर मजदूरों, किसानों, छात्रों, नौजवानों और आम जनता के हक और जनहित पर हमला कर रही है. उन्होंने कहा कि मनरेगा कानून यूपीए सरकार के समय ग्रामीण अकुशल मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने के लिए बनाया गया था. अब मोदी सरकार इस कानून को निरस्त कर जी राम-जी विधेयक के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता महात्मा गांधी का अपमान कर रही है और ग्रामीण गरीबों के काम की कानूनी गारंटी खत्म करने का षड्यंत्र रच रही है. उन्होंने बताया कि नये विधेयक में काम के लिए कानूनी गारंटी का कोई प्रावधान नहीं है और दूसरे की काम का स्थान ब्लॉक, जिला और राज्य की अनुशंसा पर केंद्र तय करेगा. इसके अलावा राज्य सरकार को इसके बजट का 40% वहन करना होगा, जो विभिन्न राज्यों की वर्तमान आर्थिक स्थिति में भारी चुनौती बनेगा. कोष आवंटन और न्यूनतम मजदूरी की कोई ठोस व्यवस्था न होने से काम के दिनों को बढ़ाकर 125 करने का औचित्य समाप्त हो जाता है. जिला सचिव रत्नेश झा ने कहा कि बिहार में जब से गृहमंत्री सम्राट चौधरी बने हैं, राज्य में बुलडोजर की तबाही शुरू हो गयी है. उन्होंने बताया कि अवैध कब्जा और सौंदर्यीकरण के नाम पर बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों के घर और दुकानों को उजाड़ना सीधे गरीब जनता पर अमानवीय हमला है. राज्य सरकार का दायित्व है कि सभी भूमिहीन और विभिन्न कारणों से विस्थापित लोगों को वास की जमीन और गरीब गृहविहीनों को आवास योजना के माध्यम से घर मुहैया कराये, अन्यथा गरीब जनता सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगी. इस मौके पर जिला सचिव मंडल सदस्य दयानिधि चौधरी, सूर्यनारायण रजक, जिला कमेटी सदस्य रामजी पासवान, सुरेंद्र साह, मनोज पासवान, रमेश सिंह के अलावा मो इदरिस, रामसुंदर पासवान, चिंटू यादव, रामनरेश निषाद, रामनरेश दास, अशोक महतो, अर्जुन साह, राजेंद्र पासवान, रामप्रवेश पासवान, रामप्रवेश राय, प्रेम लाल महतो और रामविनय पासवान सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं ने सभा को संबोधित किया और विधेयक के खिलाफ अपनी तीव्र नाराजगी जतायी. कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर सरकार ने गरीबों के हितों की अनदेखी की तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे और इस विधेयक को लागू करने के प्रयास को सड़कों पर रोकेंगे. सभा में ग्रामीणों और मजदूर वर्ग की नाराजगी स्पष्ट रूप से दिखायी दी.

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