बलिया. नगर पंचायत से नगर परिषद बनने के बाद भी बलिया बाजार आज भी जाम की समस्या से कराह रही है. इस उमस भरी गर्मी में बलिया बाजार में प्रत्येक दिन लगने वाले जाम के कारण लोगों को सर से पांव तक पसीना से सराबोर होना पड़ रहा है. बावजूद स्थानीय प्रशासन मुक दर्शक बनी हुई है. ऐसा नहीं कि इस जाम की समस्या से स्थानीय पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारी बच जाते हैं. उन्हें भी गाहे बिगाहे जाम से रू-ब-रू होना ही पड़ता है. बावजूद इस दिशा में ठोस पहल नहीं की जा रही है. हालांकि नगर परिषद के द्वारा हाल ही में ठेला पर सब्जी व फल बेचने वालों सहित पुटपाथी दुकानदारों के लिये पटेल चौक से पश्चिम हरिओम नगर भेंडर जोन बनाकर लाखों खर्च कर शेड भी बनाये गये. लेकिन वह शेड बेकार की वस्तु साबित हो रही है. जो स्थानीय लोगों के गाडी़ पार्किंग के काम में आ रहे हैं. बताया जाता है कि बलिया बाजार के पटेल चौक से सत्तीचौरा तक एवं पटेल चौक से स्टेशन चौक तक प्रायः जाम की समस्या बनी रहती है. हालांकि इस समस्या के निदान को लेकर कई बार तत्कालीन एसडीओ रोहित कुमार के नेतृत्व में नगर एवं प्रखंड के अधिकारियों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं व्यवसाईयों के साथ बैठक का भी दौड़ चला. यहां तक की फुटपाथ विक्रेताओं के साथ भी कई बार बैठक की गयी. लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा. जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है. नगर प्रशासन द्वारा भेंडर जोन बनाए जाने के बाद भी अभी तक इसको अमली जामा नहीं पहनाया जाना नगर प्रशासन की शिथिलता को दर्शाता है. बलिया बाजार के व्यवसाईयों का कहना है कि कटहा-मनसेरपुर सड़क के चालू हो जाने एवं ठेला पर सब्जी व फल विक्रेताओं के लिये निश्चित स्थल पर स्थान्तरित किये जाने पर हद तक जाम की समस्या से निजात पाई जा सकती है. हालांकि बलिया बाजार में अतिक्रमण भी जाम के लिये कम जिम्मेदार नहीं है. बलिया बाजार के पटेल चौक से सत्तीचौरा तक एवं पटेल चौक से स्टेशन चौक तक सड़क के दोनों किनारे के दुकानदारों द्वारा दुकान के आगे सामान फैला कर रखना एवं मुख्य सडक़ के दोनों तरफ तीन लेयर में मौजूद अतिक्रमण बाजार को अव्यवस्थित तो कर ही रही है. इसके साथ-साथ सड़क पर ठेला पर सब्जी व फल बेचने वालों के द्वारा आधे सड़क को अतिक्रमण कर लिये जाने से सड़क के सिकुर जाने से की समस्या बनी रहती है. हालात यह है कि 50 फीट चौड़ी सडक़ पर वाहन निकालने के लिये 10 फीट जगह भी नहीं मिलती. त्योहार या धार्मिक आयोजनों के समय यहां बाइक निकालने में भी मुसीबत हो जाती है.
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