बेगूसराय. जिले में बुधवार की सुबह से दिनभर हो रहे बारिश से पूरा जनजीवन ही अस्त-व्यस्त हो गया.शहर के विभिन्न मोहल्लों में कहीं जलजमाव से तो कहीं किचकिच से लोग हलकान हो रहें हैं.लोहिया नगर का उत्तर पूर्वी भाग, विश्वनाथ नगर मुख्य मार्ग,काॅलेजिएट स्कूल रोड,स्टेशन रोड का माली टोला भाग, राजेंद्र नगर,तिलक नगर आदि क्षेत्र जलजमाव से घिर गया.नाला और वर्षा का पानी एक होकर सड़कों पर बहते रहें.लोग इन्हीं गंदगी में प्रवेश कर आवागमन करने को मजबूर थे.जलजमाव की स्थिति सबसे अधिक महिलाओं व बच्चों की फजीहत हो जाती है. नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव की समस्या दशकों पुरानी है.नाला का आउटलेट न होना सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है.गंदे पानी होकर गुजरने वक्त लोग बिहार सरकार नगर विकास एवं आवास विभाग को कोस रहे हैं.एक तो शहर में जलनिकासी का आउटलेट नहीं है,उपर से जलनिकासी का एक मास्टर प्लान स्ट्राम वाटर ड्रेनेज योजना की डीपीआर बनाकर नगर विकास एवं आवास विभाग को दो वर्ष पूर्व ही स्वीकृति के लिए भेजी गयी थी.अगर विभाग लोगों के परेशानी के प्रति गंभीर होती और योजना की स्वीकृति मिल गयी होती तो गंवाए गये दो वर्षों में योजना धारातल पर हो सकती थी और लोगों को जलजमाव से हलकान नहीं होना पड़ता. आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय -2 के तहत सभी नगर निकायों में जलजमाव से निजात पाने हेतु स्ट्राॅम वाटर ड्रेनेज योजना बनायी गयी थी. इस योजना के तहत बेगूसराय नगर निगम प्रशासन के द्वारा शहर के सभी 45 वार्डों की वर्षों से हो रहे जल-जमाव से स्थाई मुक्ति के लिए स्ट्राॅम वाटर ड्रेनेज की योजना का प्राक्कलन बनायी गयी थी. जिसे परियोजना निदेशक ( असैनिक ) बुडको द्वारा शहर में जलजमाव की स्थिति को देखते हुए पूर्व में समर्पित प्राक्कलन को संशोधित करते हुए योजना राशि 402.41 करोड़ का प्राक्कलन तैयार कर वर्ष वर्ष 2023 में संबंधित सभी विभागों को समर्पित भी कर दी गयी है.परंतु लगभग दो वर्ष पूरे होने को है परंतु योजना की फाईल स्वीकृति के अभाव में नगर विकास एवं आवास विभाग में ही लटकी पड़ी है.योजना का धारातल पर उतरने में हो रही विलंब से लोग काफी परेशान हैं. योजना जब बनाई गयी थी तक शहर के लोगों में यह विश्वास जगा था कि अब शीघ्र ही शहर में जलजमाव की समस्या से मुक्ति मिलेगी. परंतु यह संभव नहीं हो सका. एक बार फिर से शहर के लोग जलजमाव की समस्या झेलने को मजबूर हैं.
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