बेगूसराय. शहर के वार्ड नंबर चार, पांच, छह, 17 और 18 सहित कुल पांच वार्ड बाढ़ से प्रभावित हो गये हैं. नगर निगम क्षेत्र के वार्ड पांचों वार्ड गंगा के जलस्तर में हो रहे लगातार वृद्धि के कारण बाढ़ के चपेट में आ गये है.वार्ड नंबर चार कैलाशपुर,पांच कमरुद्दीनपुर पश्चिमी टोला के पश्चिमी भाग में बाढ़ का पानी घरों घर-आंगन में घुस गया.कमरुद्दीनपुर आकाशपुर मार्ग पर गंगा का पानी वार्ड नंबर पांच कमरुद्दीनपुर में पहुंच गयी है.सुबह जब लोग सोकर उठे तो लोगों के बीच काफी अफरातफरी मच गयी.आंगन में पानी चले आने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.वार्ड नंबर 18 लवहरचक के लोगों में भी हाहाकार मच हुआ है.लोग अपने घर के मवेशी को आंगन से खोलकर बांध और ऊंचे स्थानों पर ले जाने लगे हैं.वहीं कुछ कच्ची घर वाले लोग बांध का भी शरण लेने लग गये हैं. कुछ लोग अपने घरों को छोड़कर अपने सगे संबंधियों के यहां शरण लेने की तैयारी कर रहें हैं अगर जलस्तर में वृद्धि होती है.तो घर आंगन में लगे चापाकल भी डूबने लग जाएंगे. हालांकि कुछ शहरी क्षेत्रों में चापाकल भी डूब गये है.बहुत से घरों में जहां एलपीजी गैस का उपयोग न कर जलावनों के सहारे खाना बनता था.वैसे परिवारों के समक्ष भोजन का भी संकट खड़ा हो गया है.लोग जिला प्रशासन की ओर राहत सामग्रियों की आस लगायें हुए हैं.बाढ का प्रभाव वार्ड नंबर छह के मूसन टोला पर भी पड़ गया है.मूसन टोला में भी सभी खेत खलिहान तथा लगभग 100 घर बाढ़ प्रभावित हो गये हैं.वहींं वार्ड नंबर चार का आधा खेत खलिहान वाला क्षेत्र बाढ़ प्रभावित हो चुका है.पशुपालक किसानों के समक्ष पशुचार का संकट खड़ा हो गया है.इस वार्ड के लोगों की दिल की धड़कन बढ़ गयी है कि यदि इसी तरह गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो लोगों वास-आवास पर संकट मंडरा जाएगा.वार्ड नंबर 17 पसपुरा बांध के निकट भी पानी पहुंच चुका है.इन क्षेत्रों में बाढ़ का पानी खलिहानों में चले आने से पालतू जानवर के चारा तथा रखरखाव का भी संकट गहरा गया है.वार्ड नंबर 18 लवहरचक मध्य विधालय के पास वाला मोहल्ले में भी घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है.लगभग 200 घर बाढ़ से प्रभावित हो गये है. गंगा का जलस्तर यदि इसी रफ्तार से बढ़ता गया तो इन क्षेत्रों की स्थिति और भी बद्तर बन सकती है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के वार्ड पार्षदों ने बाढ़ राहत सामग्री उपलब्ध कराने की है.विदित हो कि वार्ड नंबर चार,पांच,छह,17 और 18 सहित कुल पांच वार्ड बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हैं.प्राय: हर वर्ष यहां के लोग बाढ़ की पीड़ा झेलने को मजबूर हैं.
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