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सिमरिया गंगा घाट पर डूबने से पांच युवकों की मौत

सिमरिया गंगा घाट पर सोमवार को उस समय चीख पुकार मच गयी, जब यहां मुंडन संस्कार के लिए आये पांच लोग गंगा नदी में डूब गये.

बीहट.

सिमरिया गंगा घाट पर सोमवार को उस समय चीख पुकार मच गयी, जब यहां मुंडन संस्कार के लिए आये पांच लोग गंगा नदी में डूब गये. पूरी घटना राजेंद्र पुल के पिलर संख्या 11 और 12 के बीच एक ही घाट पर करीब एक सौ मीटर के दायरे में घटी. घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार चकिया थाना क्षेत्र अन्तर्गत गंगा नदी तट पर मुंडन संस्कार के बाद गंगा स्नान करने के दौरान गहरे पानी में चले जाने से छह युवक डुब गये. जिसमें से एक युवक को स्थानीय मछुआरों ने जीवित निकाल लिया, लेकिन अन्य पांच को डूबने से नहीं बचा सके. जिसमें चंदन कुमार के पुत्र अंशु कुमार को बुधन, राजेश, सुधो एवं स्थानीय मछुआरों ने गहरे पानी से जीवित निकाल लिया. वहीं चंदन कुमार के दूसरे पुत्र कर्तव्य कुमार, सोनू साह के दो पुत्र बाबू साह और रोहित साह, प्रकाश मिश्रा के पुत्र नेबू मिश्रा एवं एक अन्य अजय कुमार के शव को काफी मशक्कत के बाद पानी से बाहर निकाल लिया.

घटना की सूचना से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में मच गया हड़कंप :

घटना की सूचना पाते ही पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों हड़कंप मच गया. मामले की जानकारी पाते ही सदर एसडीपीओ-2 भाष्कर रंजन समेत चकिया थाना पुलिस दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच ज़ख्मी अंशु कुमार का तत्क्षण प्रारंभिक उपचार कराया. साथ ही सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल बेगूसराय भेज दिया. वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए चकिया थानाध्यक्ष नीरज कुमार चौधरी ने बताया कि मामले में पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस दल-बल सहित गंगा नदी तट पर पहूंचीं. जहां तब-तक एक युवक को स्थानीय मछुआरों ने गहरे पानी से जीवित निकाल लिया था. वहीं बाबू साह एवं रोहित कुमार दोनों सहोदर भाई, प्रकाश मिश्रा के पुत्र नेबू मिश्रा, चंदन साह के एक पुत्र कर्तव्य कुमार तथा एक अन्य युवक अजय कुमार के शवों को मछुआरों द्वारा निकाल लिया गया.

मृतक के परिजन सूनी आंखों से निहारते रहे गंगा घाट को :

मुंडन संस्कार में भाग लेने आये ग्रामीण और परिजन नम आंखों से युवकों के शव के बरामद होने की दुआ करते रहे. घाट को एकटक निहारते परिजनों की आंखों के आंसू शवों के मिलते ही बह निकले. जब भी शव मिलने की खबर आती लोग उधर दौड़ पड़ते और चीख पुकार मच जाती. उनके करूण विलाप से लोगों की आंखें भी भर गयी. बताते चलें कि सिमरिया घाट के इतिहास में यह दूसरी बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. इससे पहले 16 अप्रैल 2021 में एक ही दिन छह लोगों के डूबने से मौत की घटना हुई थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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