चेरियाबरियारपुर/मंझौल. देश की आन-बान और शान के लिए सरहदों पर शहीद होने वाले सैनिक राष्ट्र के अनमोल धरोहर होते हैं. इसलिए हम सबों को ऐसे शहीदों को भरपूर सम्मान देना चाहिये. उक्त बातें 07 मार्च 2024 को शताब्दी मैदान स्थित शहीद अमरेश नाट्य कला मंच के बगल में शहीद के छठे वर्षगांठ पर आदमकद प्रतिमा का अनावरण करते हुए निवर्तमान पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा था. तब उनकी बातों को सुनकर लोग भावुक से हो गये थे. परंतु महज डेढ़ वर्ष बाद ही शहीद की प्रतिमा के साथ लगे प्रतिकात्मक राइफल को असमाजिक तत्वों की नजर लग गयी. तथा गुरूवार की देर रात्रि असामाजिक तत्वों ने उक्त राइफल को उखाड़ दिया. तथा वहीं पर पटक कर उसके टुकड़े- टुकड़े कर दिए. जिससे मंझौल वासियों सहित आस-पास के गांवों में खबर फैलते ही लोग आक्रोशित हो गये. तथा इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को देकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे. सूत्रों की मानें तो घटना की जानकारी तब हुई जब सुबह के वक्त शताब्दी मैदान मंझौल में नवयुवकों की टीम दौड़ने के लिए रोज की तरह पहुंची. इस दौरान शहिद अमरेश के आदमकद प्रतिमा के साथ दुर्व्यवहार की जानकारी उनके परिजन और पुलिस को दी गई. घटनास्थल पर पहुंची मंझौल पुलिस ने पूरे मामले की जांच पड़ताल की है. तथा साक्ष्य को इकट्ठा कर दोषियों की जांच में जुट गयी है. वहीं शहीद अमरेश के पिता उमेश सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे. तथा उन्होंने पुलिस को बुलाकर इस मामले की शिकायत भी की है. विदित हो कि शहीद अमरेश बेगूसराय जिले के मंझौल पंचायत 01 के रहने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवान थे. जिनकी 7 मार्च 2018 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक नक्सली हमले में शहादत हुई थी. तथा उन्हें मरणोपरांत राष्ट्रपति द्वारा वीरता पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था. वही इस घटना की जानकारी होने के बाद से पूरे मंझौल के लोगों में आक्रोश भर गया है.
छात्र नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज करा दोषियों पर अविलंब कार्रवाई की मांग की
शताब्दी मैदान मंझौल में शहीद अमरेश की प्रतिमा के साथ लगे प्रतिकात्मक राइफल तोड़फोड़ की सूचना पर छात्र नेता आदर्श भारती, सिम्मी सिंह, सत्यम कुमार आदि शताब्दी मैदान मंझौल पहुंचे. तथा वस्तु स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान छात्र नेताओं ने इस तरह की घटना पर कड़ी आपत्ति दर्ज करायी. इस दौरान छात्र नेताओं ने कहा कि शहीद के प्रतिमा के साथ किया गया यह दुर्व्यवहार बर्दाश्त के काबिल नहीं है. जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश सेवा में अपना जान कुर्बान कर दिया. और अब उनकी प्रतीकात्मक प्रतिमा के साथ असामाजिक तत्व छेड़छाड़ कर रहे हैं. ऐसे तत्वों को अविलंब गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजने की जरूरत है. फिलहाल 112 मंझौल पुलिस की टीम पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है. तथा टूटे हुए राइफल के टुकड़े को हाथ में पोलीथीन लपेटकर संग्रहित करते हुए लैब में जांच के लिए भेजने की बात कही है. ताकि वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर दोषियों की गर्दनों तक कानून का शिकंजा कसा जाय.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

