बीहट : वैशाख मास शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ सिमरिया धाम के प्रांगण में स्वामी चिदात्मनजी महाराज के सान्निध्य में धूमधाम से परशुराम जयंती मनायी गयी.
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सिमरिया धाम में धूमधाम से मनायी परशुराम जयंती
बीहट : वैशाख मास शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ सिमरिया धाम के प्रांगण में स्वामी चिदात्मनजी महाराज के सान्निध्य में धूमधाम से परशुराम जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि जब-जब इस धरा पर दानवी प्रवृति का बोलबाला प्रारंभ होता है, […]
इस अवसर पर स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि जब-जब इस धरा पर दानवी प्रवृति का बोलबाला प्रारंभ होता है, तब-तब आदि शक्ति मां अंबा की असीम कृपा से कोई न कोई अवतार का पराभव इस धरती पर होता आया है. जिसमें दशावतार प्रमुख है.
इसमें क्रमश: रामावतार, भृगुनंदन रामावतार, रघुनंदन रामावतार और यदुनंदन रामावतार हैं. जिसमें भृगुनंदन रामावतार एक पर्णकुटीर में महर्षि जमदाग्नि की धर्मपत्नी रेणुका के गोद में हुई. इनके पिता ने इनका नाम दो अक्षर वाला सिर्फ राम रखा. जो आगे चलकर परशुराम के नाम से विख्यात हुआ. स्वामी चिदात्मन जी ने कहा कि ये धर्म पराक्रम,दया,दान, धर्म और विद्या के महावीर थे. ये अपने गुरु के आदेशानुसार महेंद्र पर्वत पर तपस्या के लिए गये .
इस आयोजन के मौके पर संस्था ने संकल्प लिया कि हर अक्षय तृतीया के मौके पर परशुराम जयंती का आयोजन धूमधाम से किया जायेगा.कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्यानंद जी महाराज और संचालन प्रो पी के झा प्रेम ने किया. जबकि अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन गोपाल जी ने किया. मौके पर बबलू, कौशल,अमर,संजय, राम, लक्ष्मण,श्याम सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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