13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बेगूसराय : रावण मोह और कुंभकर्ण अभिमान का प्रतीक : मोरारी बापू

बेगूसराय : सिमरिया धाम में आयोजित नौ दिवसीय साहित्य महोत्सव के अंतिम दिन मोरारी बापू की रामकथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.अहले सुबह से इस रामकथा में भाग लेने के लिए रेल एवं सड़क मार्ग से श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी रहा. श्रद्धालुओं व गाड़ियों की भीड़ से घंटों जाम का नजारा बना […]

बेगूसराय : सिमरिया धाम में आयोजित नौ दिवसीय साहित्य महोत्सव के अंतिम दिन मोरारी बापू की रामकथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.अहले सुबह से इस रामकथा में भाग लेने के लिए रेल एवं सड़क मार्ग से श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी रहा. श्रद्धालुओं व गाड़ियों की भीड़ से घंटों जाम का नजारा बना रहा.
कथा के अंतिम दिन मोरारी बापू ने श्रद्धालुओं को रामचरितमानस के कई कांडों की चर्चा करते हुए श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया. रामकथा के नौवें दिन समापन दिवस पर मोरारी बापू ने रामचरितमानस के बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्यकांड, किष्किंधा कांड, सुंदरकांड, उत्तरकांड की पूरी कथा संक्षेप में सुनायी.
उन्होंने प्रभु राम के वनवास, केवट द्वारा नदी पार कराने, राम के वियोग में राजा दशरथ का प्राण त्याग और फिर उनका सरयू किनारे संस्कार, भरत का चित्रकूट प्रस्थान के दौरान पूरी अयोध्या का जाना, राम-भरत मिलाप के उपरांत चरण पादुका संग भरत का अयोध्या लौटने की कथा सुनायी. अरण्यकांड की कथा कहते हुए अनसूईया द्वारा सीता को पति धर्म की शिक्षा देना, सबरी द्वारा जूठे बैर खाने के दौरान लक्ष्मण द्वारा टोके जाने पर राम ने कहा मैं जाति नहीं देखता, प्रेम व श्रद्धा देखता हूं का बड़ा सजीव संवाद किया.
फिर किष्किंधा कांड की कथा के दौरान राम से हनुमान का मिलना, सुग्रीव मैत्री, बाली का निर्वाण, सुग्रीव को राजा और अंगद को युवराज बनाने की कथा सुनायी. प्रसंगवश बापू ने कहा कि काम, क्रोध और लोभ से बचना चाहिए जो भगवान की कृपा से संभव है.
फिर पंचवटी से सीताहरण, उनकी खोज में लंका गये हनुमान द्वारा अशोक वाटिका में सीता को मुद्रिका देना, पकड़े जाने पर उनकी पूंछ में आग लगना और फिर प्रतीक रूप से लंका दहन की कथा सुनायी. बापू ने कहा रावण मोह, कुंभकर्ण अभिमान और इंद्रजीत काम का प्रतीक है. इसके उपरांत नल-नील द्वारा राम की कृपा से सेतुबंध निर्माण और फिर भाइयों सहित रावण के निर्वाण की कथा और फिर सीता सहित अन्य लोगों के साथ अयोध्या लौटने की कथा सुनायी.
अयोध्या के राजा के रूप में राम का राज्याभिषेक की कथा के साथ अन्य संवादों को कहते हुए रामकथा का समापन किया. ब्रह्मादेवानाम, पदविही कविनाम, ऋषि विप्रानाम, मिहशू मृगानाम आदि का गायन करते हुए कहा कि राम गीता हैं और ये सभी वेद के मंत्र हैं. बापू ने स्थानीय निषाद समाज के लोगों के श्रद्धा और प्रेम भाव की पूरी प्रशंसा की.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel