अनदेखी. सदर अस्पताल में आइसीयू शुरू नहीं होने से मरीजों की बढ़ रही है परेशानी
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भवन बनकर तैयार, शुरू नहीं हुआ आइसीयू
अनदेखी. सदर अस्पताल में आइसीयू शुरू नहीं होने से मरीजों की बढ़ रही है परेशानी बेगूसराय : आवंटन के अभाव में बेगूसराय सदर अस्पताल कैंपस में बना आइसीयू की सुविधा विगत तीन साल से जिला वासियों को नहीं मिल पा रही है. जबकि आइसीयू भवन तीन साल पहले ही बन कर तैयार हो चुका है. […]
बेगूसराय : आवंटन के अभाव में बेगूसराय सदर अस्पताल कैंपस में बना आइसीयू की सुविधा विगत तीन साल से जिला वासियों को नहीं मिल पा रही है. जबकि आइसीयू भवन तीन साल पहले ही बन कर तैयार हो चुका है. लगभग 54 लाख की लागत से निर्मित आइसीयू भवन अपने सही रूप में आने के लिए अभी भी बाट जोह रहा है.
कब हुई शुरुआत : जानकारों की मानें तो आइसीयू भवन 2005-06 की योजना है. जो 2014 में बन कर तैयार हो गयी .लेकिन कुछ तकनीकी वजह से अब तक शुरू नहीं हो पाया है. यह भवन तत्कालीन जिला पदाधिकारी सीमा त्रिपाठी के समय में ही शुरू हुआ था. जिसमें सीमा त्रिपाठी ने इस पर विशेष पहल की थी. इतना ही नहीं वर्तमान जिला पदाधिकारी मो नौशाद युसूफ ने भी इस आइसीयू के पूर्ण होने के लिए कवायद की है.
कितने होंगे कर्मी : जानकारों की मानें तो उक्त आइसीयू भवन छह बेड का है. जिसमे सारे डॉक्टर स्पेशलिस्ट होंगे. इसलिए उसमें कुल आठ स्पेशलिस्ट डॉक्टर ,18 प्रशिक्षित परिचारिकाएं और 10 वार्ड अटेंडेंट होंगे.
किस तरह के मरीजों को होंगे फायदे : इस आइसीयू में ह्रदय रोग से संबंधित मरीजों को काफी आराम मिलेगा. इसके अलावा गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों और खास कर दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी.
क्या रह गयीं कमियां : आइसीयू के शुरू नहीं होने की कुछ ऐसी वजह है जो खास हैं. इन खास कारणों में बिजली करण का आधा अधूरा कार्य ,अत्याधुनिक मशीनों का नहीं लगना आदि है.
लोगों को इससे क्या होगा फायदा : बेगूसराय में आइसीयू के शुरू हो जाने से जिलावासियों को को काफी राहत मिलेगी. खासकर अनगिनत गरीब काल के गाल में जाने से बच जायेंगे. क्योंकि गरीब लोग पैसे के अभाव में या तो अस्पताल में भरती कराकर खुद से समझौता कर लेते हैं या निजी मौत के आइसीयू में भरती होकर पूरा परिवार महाजनों के कर्ज में डूब जाते हैं. इस संबंध में एक अस्पताल कर्मी ने अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि अगर अस्पताल में यह आइसीयू शुरू हो जाता है
तो बाजार में आइसीयू के नाम पर लुटने वालों की दुकानें बंद हो जायेगी. हालांकि अभी भी जिला भर में जितने भी आइसीयू हैं .उनमें से कोई भी आइसीयू अपने मापदंड का अनुपालन नहीं करता है जबकि वहां भरती होने वाले परिवारों को पैसे की बर्बादी होती है.
पूर्व में लौट चुकी
हैं राशियां
आज भवन निर्माण पूरा हो जाने के बाद जिस वजह से इसकी शुरुआत अब तक नहीं हो पायी है वह वजह है एक बड़ी राशि का आवंटन है. जिसमें अत्याधुनिक मशीन लगना है लेकिन यह राशि एक बार पूर्व में आकर लौट चुकी है क्योंकि उक्त राशि तब आयी थी जब भवन पूर्ण रूपेण तैयार नहीं हो पाया था .
पूर्व में लौट चुकी
हैं राशियां
आज भवन निर्माण पूरा हो जाने के बाद जिस वजह से इसकी शुरुआत अब तक नहीं हो पायी है वह वजह है एक बड़ी राशि का आवंटन है. जिसमें अत्याधुनिक मशीन लगना है लेकिन यह राशि एक बार पूर्व में आकर लौट चुकी है क्योंकि उक्त राशि तब आयी थी जब भवन पूर्ण रूपेण तैयार नहीं हो पाया था .
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