मछुआरों के जाल में फंसा मिला क्रांति यादव का शव, परिजनों में मचा कोहराम अमरपुर. थाना क्षेत्र के सुप्रसिद्ध बाबा ज्येष्ठगौरनाथ महादेव मंदिर परिसर के समीप बहने वाली चांदन नदी से सोमवार की सुबह एक युवक का शव बरामद होने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गयी. शव मछली पकड़ने गए मछुआरों के जाल में फंसा हुआ मिला. घटना की सूचना मिलते ही आसपास के मादाचक, कठैल, जमुआ, मंझगांय गांवों के लोग तथा मंदिर में पूजा-अर्चना करने आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ घटनास्थल पर जुट गयी. मौजूद लोगों ने शव की पहचान रजौन थाना क्षेत्र के सिकानपुर गांव निवासी गनौड़ी यादव के 40 वर्षीय पुत्र क्रांति यादव के रूप में की. शव मिलने की सूचना मिलते ही मृतक के पिता गनौड़ी यादव, मां उर्मिला देवी, पत्नी कैली देवी, पुत्र अंकित यादव एवं बादल यादव सहित अन्य परिजन घटनास्थल पर पहुंचे. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था, जिससे माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया. मृतक के छोटे भाई रोहित यादव ने बताया कि उनका बड़ा भाई क्रांति यादव विगत मंगलवार को घर से समुखिया हाट जाने की बात कहकर निकला था. देर रात तक जब वह वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने अपने स्तर से रिश्तेदारों और आसपास के इलाकों में काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल सका. अंततः थक-हारकर परिजनों ने रजौन थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. सोमवार की सुबह रजौन थाना क्षेत्र के चिलकावर गांव के कुछ मछुआरे जैठोर चांदन नदी में मछली पकड़ने के लिए जाल डाल रहे थे. इसी दौरान उनके जाल में एक शव फंस गया. मछुआरों ने आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी और शव की पहचान होने के बाद परिजनों को सूचना दी गयी. घटनास्थल पर मौजूद युवा समाजसेवी ठाकुर अंशुमान सिंह ने मानवता का परिचय देते हुए तत्काल इसकी सूचना अमरपुर थाना को दी. सूचना मिलते ही दारोगा विनोद कुमार एवं संजय कुमार गुप्ता पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की छानबीन शुरू की. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बांका सदर अस्पताल भेज दिया. थानाध्यक्ष पंकज कुमार झा ने बताया कि फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. परिजनों की ओर से आवेदन प्राप्त होने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जायेगी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का स्पष्ट खुलासा हो सकेगा. वहीं, घटनास्थल पर मौजूद मृतक के गांव वालों ने बताया कि क्रांति यादव बेहद मृदुल स्वभाव के व्यक्ति थे. वह दिन-रात मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. मृतक के दो छोटे-छोटे पुत्र हैं, जिनकी परवरिश को लेकर वह हमेशा चिंतित रहते थे. इस हृदयविदारक घटना के बाद सिकानपुर गांव और मृतक के मोहल्ले में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.
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