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कर्मा–धर्मा पर्व को लेकर तालाब में स्नान करने के दौरान किशोरी की डूबने से मौत

रजौन थाना क्षेत्र अंतर्गत संझा श्यामपुर पंचायत के संझा गांव निवासी गुड्डू यादव की इकलौती पुत्री 15 वर्षीया प्रिया कुमारी की तालाब में डूबने से मौत हो गयी.

बांका/रजौन. रजौन थाना क्षेत्र अंतर्गत संझा श्यामपुर पंचायत के संझा गांव निवासी गुड्डू यादव की इकलौती पुत्री 15 वर्षीया प्रिया कुमारी की तालाब में डूबने से मौत हो गयी. मृतका अपने कर्मा-धर्मा पर्व की व्रती थी. वह अपने भाई की लंबी उम्र के लिए उपवास रखते हुए करीब आधे दर्जन सहेलियों के साथ स्नान करने गांव के समीप झुरखुरिया तालाब गयी हुई थी. इसी बीच स्नान करने के दौरान डूब गयी. वहीं निशु कुमारी, जुली कुमारी, मीनाक्षी कुमारी, सृष्टि, नेहा कुमारी, कोमल कुमारी बाल-बाल बच गयी. इधर, बच्चों द्वारा चिल्लाने पर आसपास के लोग दौड़े और उसे तालाब से बाहर निकाला. इसी बीच परिजन भी पहुंच गये थे . परिजनों सहित ग्रामीणों की मदद से उसे आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रजौन लाया गया. जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डाॅ ब्रजेश कुमार ने उसे मृत घोषित कर दिया. इधर, घरवाले लाश को लेकर घर पहुंच चुके थे. इसी बीच सूचना मिलने पर रजौन पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बांका सदर अस्पताल भेज दिया. घटना को लेकर घर परिवार में चीख पुकार का माहौल है.

प्रिया को क्या पता वह उसका आखिर व्रत होगा

झुरखुरिया तालाब में डूबने वाली किशोरी प्रिया को क्या पता था कि अपने जिस दो भाई की लंबी उम्र के लिए वो कर्मा-धर्मा का व्रत कर रही है वो उसका आखिरी व्रत है. माता खुशी देवी, पिता गुड्डू यादव की इकलौती पुत्री प्रिया अपने माता-पिता सहित अपने दो भाइयों विक्की कुमार व विवेक कुमार के लिए लाडली थी. कर्मा-धर्मा पर्व को लेकर घर में खुशियों का माहौल था. मां पिता सहित भाई पर्व को लेकर काफी खुश थे. खासकर छोटा भाई 8 वर्षीय विवेक अपनी प्यारी इकलौती बहन के लिए मिट्टी के हाथी घोड़े आदि बना रहा था. इसी बीच प्रिया के तालाब में डूबकर मौत होने की खबर से पूरा परिवार सदमे में चला गया. चारों ओर घर परिवार में रोने चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही थी.

परिजनों को जागरूक रहने की जरूरत

जिले में तालाब व नदी में डूबने से मौत की घटना लगभग प्रत्येक साल हो जाती है. बावजूद लोग अभी तक जागरूक नहीं हो सके हैं. ऐसे में सभी परिजनों को जागरूक होने की जरूरत है ताकि इस तरह की हो रही घटनाओं पर अंकुश लग सके. खासकर कोई भी पर्व त्योहार में बच्चे को कहीं तालाब व नदी में जाने ना दें.

प्रशासन है मूक दर्शक

मालूम हो कि जिले में करमा-धरमा पर्व को लेकर स्नान करने के दौरान लगातार डूबने से मौत की घटना हो रही है. गत मंगलवार को भी धोरैया, फुल्लीडुमर व पंजवारा में तीन बच्चियों सहित चार की मौत हो गयी थी. बावजूद जिला व स्थानीय प्रशासन मूक दर्शक बनी हुई है. आपदा प्रबंधन सहित अन्य संबंधित विभाग मौन बनी हुई है. इधर, लगातार हो रही घटनाओं को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है. ग्रामीणों ने खतरनाक नदी व तालाबों को चिह्नित कर वहां लाल निशान लगाने की मांग प्रशासन से की है, ताकि किसी भी घर के नौनिहाल को असामयिक मौत से बचाया जा सके.

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