10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

दही-कादो उत्सव के साथ ही मधुसूदन मंदिर की जन्माष्टमी का हुआ समापन

दो दिवसीय जन्माष्टमी का समापन रविवार को हो गया. जन्माष्टमी महोत्सव के अंतिम दिन भगवान मधुसूदन के साथ भक्तों ने दही-कादो का उत्सव मनाया.

बौंसी. अंग क्षेत्र के धार्मिक व ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मधुसूदन मंदिर में आयोजित दो दिवसीय जन्माष्टमी का समापन रविवार को हो गया. जन्माष्टमी महोत्सव के अंतिम दिन भगवान मधुसूदन के साथ भक्तों ने दही-कादो का उत्सव मनाया. इसके साथ ही यह उत्सव संपन्न हो गया. दही-कादो उत्सव के लिए सुबह से ही यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंचने लगी. दूर दराज से पहुंचे हजारों भक्तों की भीड़ के द्वारा अपने साथ लाये दही से भगवान का अभिषेक किया गया. दही अभिषेक से भगवान के आसपास केवल दही ही दही हो गया. पंडितों की टोली ने विधि पूर्वक इसका आयोजन कराया. मालूम हो कि यहां पर गोकुल वृंदावन की तर्ज पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने की परंपरा काफी पुरानी है.

मालूम हो कि दो दिवसीय जन्माष्टमी के पहले दिन भगवान मधुसूदन के मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाने का काम किया गया था. पश्चिम बंगाल से आई दुलाल पाल की टीम के द्वारा भगवान के दरबार को सजाया गया और बेहतरीन झांकी भी बनायी गयी थी, जो इस बार के जन्माष्टमी को काफी खास बना दिया था. बौंसी बाजार के व्यवसायी दिलीप सर्राफ के सौजन्य से जन्माष्टमी की तैयारी के लिए कोलकाता की टीम को बुलाकर विशेष रूप से मंदिर को सजाने और झांकी बनाने का कार्य दिया गया था. आकर्षक झांकी और मंदिर की सजावट बरबस ही श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच रही थी. जन्माष्टमी की सुबह शनिवार को सबसे पहले भगवान मधुसूदन को गर्भ गृह के मुख्य सिंहासन पर विराजित कर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर पुजारी ने अभिषेक कर चंवर डुलाते हुए पूजा-अर्चना की. जहां श्रद्धालु भक्तों ने भी भक्ति भाव के साथ मधुसूदन की पूजा अर्चना की.

दूसरे दिन रविवार को भी विधिवत पूजा-अर्चना के बाद भगवान मधुसूदन को आमजनों के दही अभिषेक के लिए भोग बनने वाले पाकशाला गृह के सामने लाया गया. तब तक भारी संख्या में श्रद्धालु भक्त अपने साथ विभिन्न पात्रों में दही लिए लाइन में खड़े थे. जैसे ही भगवान मधुसूदन को पाकशाला गृह के समीप सिंहासन पर विराजित किया लोगों में दही चढ़ाने की होड़ मच गयी. भगवान मधुसूदन का दही-कादो पर्व पर दही की होली खेली जाने लगी. भगवान मधुसूदन का दही से अभिषेक हुआ, वहीं पंडा समाज के लोगों ने भक्तों को दही का तिलक लगाया. बतादें कि शनिवार मध्य रात्रि तक कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर मधुसूदन मंदिर में उत्सव का माहौल रहा. स्थानीय कलाकारों ने भजन संध्या का कार्यक्रम प्रस्तुत किया. इधर गीता पाठ का भी समापन गीता आरती के साथ हो गया. जन्माष्टमी की भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर में थानाध्यक्ष सुधीर कुमार के साथ-साथ भारी संख्या में पुलिस बल और पदाधिकारी सुरक्षा के दृष्टिकोण से मौजूद थे. विधि व्यवस्था में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कुमारी अर्चना, प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार, अंचलाधिकारी कुमार रवि, इंस्पेक्टर राजरतन, पंडा समाज के अवधेश ठाकुर, निर्मल झा, उत्तम झा, दीपक झा सहित अन्य मौजूद थे.

निसंतान महिलाओं ने की संतान संतान प्राप्ति की कामना

भगवान मधुसूदन के दरबार में वर्षों से संतान प्राप्ति की कामना को लेकर महिलाएं पहुंचती है. मालूम हो कि मधुसूदन मंदिर में वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी आस्था का केंद्र बनी हुई है. नि:संतान महिलाएं संतान की प्राप्ति की कामना लेकर यहां पहुंचती हैं और भगवान के सामने आंचल फैलाकर प्रार्थना करती हैं. परंपरा के तहत भगवान पर चढ़ाये गये पान और सुपारी को प्रसाद स्वरूप महिलाओं की ओर उछाला जाता है. मान्यता है कि जिन महिलाओं के आंचल में यह प्रसाद गिरता है, उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है. हर वर्ष दूर-दराज़ से सैकड़ों महिलाएं इस परंपरा में शामिल होकर अपनी मनोकामना पूरी होने की उम्मीद में मंदिर आती हैं. शनिवार की रात को भी यहां पर भारी संख्या में महिलाएं आंचल पसारे खड़ी थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel