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वासंती नवरात्र आज से, भक्तिमय हुआ माहौल

वासंती नवरात्र आज से, भक्तिमय हुआ माहौल प्रतिनिधि4बांकावासंती नवरात्र शुक्रवार से आरंभ हो रहा है. पहले दिन कलश स्थापन के साथ मां शैलपुत्री की पूजा आराधना होगी. इसी के साथ रामनवमी एवं श्रीराम जन्मोत्सव की भी तैयारियां आरंभ हो गयी हैं. शुक्रवार से आरंभ होने वाले व्रत त्योहारों की वजह से बांका सहित जिले भर […]

वासंती नवरात्र आज से, भक्तिमय हुआ माहौल प्रतिनिधि4बांकावासंती नवरात्र शुक्रवार से आरंभ हो रहा है. पहले दिन कलश स्थापन के साथ मां शैलपुत्री की पूजा आराधना होगी. इसी के साथ रामनवमी एवं श्रीराम जन्मोत्सव की भी तैयारियां आरंभ हो गयी हैं. शुक्रवार से आरंभ होने वाले व्रत त्योहारों की वजह से बांका सहित जिले भर का माहौल भक्तिमय हो गया है. जगह जगह वासंती दुर्गा पूजा की तैयारियां चल रही हैं. वासंती नवरात्र के अवसर पर बांका सहित जिले भर में दर्जनों स्थानों पर मेले का भी आयोजन होता है. इसी दौरान कई जगह रामनवमी अखाडे भी निकाले जाते हैं. रामनवमी को लेकर अंतिम मंगलवारी जुलूस 12 अप्रैल निकलेगा. 14 अप्रैल महाष्टमी का आयोजन होगा. इस दिन देवी मंडपों में विशेष श्रृंगार के साथ झांकी भी निकाली जाती है. इस बार 8 दिनों का होगा नवरात्रइस बार वासंती नवरात्र 8 दिनों का होगा. 8 अपै्रल को कलश स्थापना के बाद 10 अप्रैल को 3 एवं 4 पूजा एक साथ है. इसी दिन देवी दुर्गा के चंद्रघंटा एवं कुष्मांडा स्वरूप की पूजा और अनुष्ठान एक साथ आयोजित होगी. महाष्टमी 14 अप्रैल को होगा. 15 अप्रैल को महानवमी के अवसर पर सिद्धिदात्री मां दुर्गा की पूजा होगी. इस दिन रात 1 बज कर 44 मिनट तक नवमीं का योग है. 16 अप्रैल को वासंती विजयादशमी मनायी जायेगी. श्रीराम जन्मोत्सव व रामनवमी 15 कोरामनवमी 15 अप्रैल को मनायी जायेगी. सुप्रसिद्ध श्यामाचरण वेद विद्यापीठ के प्राचार्य डा. रतीशचंद्र झा के अनुसार इस दिन रात 1.44 बजे तक नवमी तिथि रहेगी. रामनवमी भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. श्री राम का जन्म नवमी तिथि, अपराह्न काल में कर्क लग्न एवं पुनर्वसु नक्षत्र में माना जाता है. पुनर्वसु नक्षत्र महाष्टमी 14 अप्रैल की रात्रि 7.09 बजे तक समाप्त हो चुका होगा. इस बार उपयुक्त समय में सभी योगों के बावजूद पुनर्वसु नक्षत्र का अभाव रहेगा. इसलिए राम नवमी एवं श्री राम जन्मोत्सव 15 अप्रैल को मनाया जायेगा. इस दिन दोपहर 11. 25 बजे से 1.42 बजे तक कर्क लग्न रहेगा, जो पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय है. —————ढाका मोड़ मेले को लेकर चल जोरदार तैयारियां – पापहरणी सरोवर से आज निकलेगी शोभा यात्रा, साथ होंगी हाथी घोड़ों के साथ झांकियांप्रतिनिधि4बांकाबांका सहित जिले भर में वासंती नवरात्र पर चैती दुर्गा पूजा मेले का आयोजन अनेक स्थानों पर होता है. शहर के भयहरण स्थान चांदन तट स्थित वासंती दुर्गा मंडप एवं समुखिया मोड़ में इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है. देवी प्रतिमा का निर्माण भी अंतिम चरण में है. मेला के दौरान विभिन्न धार्मिक आयोजनों को लेकर भी तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर ढाकामोड़ में वासंती नवरात्र पर आयोजित होने वाले प्रसिद्ध मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. शुक्रवार को यहां होने वाले कलश स्थापन से पूर्व पापहरणी मंदार सरोवर से कलश शोभा यात्रा निकलेगी. यह शोभा यात्रा अपने आप में विशिष्ट एवं अनूठी होती है. शोभा यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं के साथ हाथी, घोड़े, बैंड, आदिवासी नृत्य मंडली आदि भी साथ होते हैं. करीब 15 किलोमीटर की दूरी तय कर शोभा यात्रा ढाकामोड़ स्थित ऐतिहासिक देवी मंडप पहुंचती है. जहां पापहरणी के जल से कलश स्थापन होता है. ढाकामोड़ में इस अवसर पर 10 दिनों का मेला लगता है. पहले ही दिन से मेले में भीड़ उमड़ने लगती है. मेले में सजने वाले बड़े बाजार के अलावा जादू, सरकस, मौत का कुआं, तारामाची और अनेक तरह के मनोरंजन साधन जुटते हैं. इस मेले का आयोजन स्थानीय निवासी एवं गोड्डा झारखंड के पूर्व विधायक संजय यादव की पहल पर और उन्हीं की देखरेख में होता है. उन्होंने कहा कि मेले में रोज धार्मिक आयोजनों के अलावा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी फिल्मी कलाकारों के गायन, आर्केस्ट्रा, दंगल आदि का भी आयोजन होगा. शांति और सुरक्षा इस मेले की खासियत है. यही वजह कि मेला दिनोंदिन नयी ख्याति अर्जित करता जा रहा है.

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