बांका. बिहार सैपर्स वेलफेयर एसोसिएशन के आह्वान पर पूरे राज्य में मंगलवार से सैप जवान अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. इनका आरोप है कि सरकार दोरंगी नीति अपना कर उनके साथ भेदभाव कर रही है.
जब बिहार की कानून व्यवस्था काफी खराब थी तो उस वक्त उनकी नियुक्ति की गयी थी. इसके बाद मुखिया चुनाव से लेकर नक्सली वारदात में उनको लगाया गया और सफलतापूर्वक सैप ने सभी काम को निबटाया. इस वक्त उन पर कई प्रकार के इलजाम भी लगते हैं.
इसलिए जिस काम के लिए उनकी नियुक्ति हुई थी उसी काम में लगाया जाय. उनकी नौ सूत्री मांग है कि हटाये गये सैप जवानों की पुन: नियुक्ति की जाय, मनमाने ढंग से दोषारोपण करके अनुबंध समाप्त करने की प्रक्रिया पर रोक लगायी जाय, एसोसिएशन के पदाधिकारी को संरक्षित कर्मी घोषित किया जाय. अनुबंध समाप्ति की प्रक्रिया में एसोसिएशन के पदाधिकारी से विचार विमर्श किया जाय, महंगाई के हिसाब से मानदेय में उचित बढ़ोतरी की जाय, समान कार्य के लिए समान भत्ता दिया जाय, जीवन सुरक्षा संबंधी पॉलिसी लागू किया जाय, नौकरी की उम्र सीमा 60 वर्ष निर्धारित की जाय व आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिया जाये जैसी मांगें शामिल हैं.