घने कोहरे से जन-जीवन अस्त-व्यस्त, मौसम विभाग ने घने कोहरा का किया रेड अलर्ट, पशुपालक परेशान
औरंगाबाद/कुटुबा. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में उतरही हवा के साथ ठंड का कहर जारी है. वहीं कनकनी काफी बढ़ गयी है. वातावरण में घना कुहासा छाये हुआ है. पूरा आसमान सफेद बादलो से पट्टा हुआ है. शनिवार को पूरे दिन सूर्य नहीं दिखाई दिये. शीत लहर व कुहासे से मौसम का पारा लुढ़क गया है ऐसे में जीव जंतु से लेकर आम नागरिक गंभीर से परेशान दिख रहे है. ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे है. हालांकि, प्रशासनिक स्तर से कहीं भी अलाव जलाने की व्यवस्था नही करायी गयी है. इस बीच सबसे अधिक दिक्कत खेतिहरों के साथ पशुपालकों को हो रही है. दिसंबर के प्रथम सप्ताह में धूप सुहानी लग रही थी. इधर, अचानक बीते बुधवार की देर रात्रि से मौसम का रंग बदल गया है. शनिवार को पूरे दिन कंपकंपाती ठंडी लोगो को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया है. घने कुहासे की वजह से सड़को पर गुजरने वाली वाहनों की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई थी. अचानक ठंडी बढ़ने से बच्चे व बुजुर्ग काफी परेशान है. घर से बाहर निकलते हैं ठंडी हवा उनके लिए घातक साबित हो रही है. इधर स्कूली बच्चे सुबह में स्कूल, कोचिंग व ट्यूशन पढ़ने जाने से कतरा रहे हैं. ठंडी के असर से बुखार, वोमेटिंग व सर्दी- खांसी तथा सिर दर्द के मरीज बढ़ने गये है.मुश्किल के दौर से गुजर रहे कृषक वर्ग
अचानक ठंडी बढ़ने से किसान व पशुपालक मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं. कड़ाके की ठंडी में भी खेतिहर सुबह से शाम तक खेत खलिहान में काम करने का मजबूर है. किसानों के खेत में अभी तक गेहूं एवं अन्य रबी फसलों की बुआई नही हुई है. उनके लिए यह ठंड आफत से कम नहीं है. इधर, ठंडी बढ़ने से दुधारू पशु के दूध उत्पादन पर असर पड़ रहा है. वेटेनरी सर्जन डॉक्टर शैलेंद्र कुमार ने बताया कि ठंडी के मौसम में पशुओं के रखरखाव को लेकर पशुपालकों को एहतियात बरतने की जरूरत है. उन्होंने बताया है कि अत्यधिक ठंडी बढ़ने पर पशु के शरीर पर मोटा कंबल या जूट की बोरी डाल कर ओढाएं.अहले सुबह व सूर्यास्त के पश्चात पशुओ को कतई खुले आसमान के नीचे न रहने दे.टंकी का या रात्रि का बासी पानी पशु को पिलाना खतरे से खाली नहीं है.उन्होंने बताया कि पशुओं को स्वस्थ व सुरक्षित रखने के लिए चापाकल का ताजा पानी पिलाएं.सरसो की खल्ली,गेहूं का भूंसा के साथ संभव हो तो हरा चारा मिलाकर खिलाएं. ठंडी के दिनों में शुद्ध सरसों का तेल व गुड़ खिलाने से पशुओं का स्वास्थ्य ठीक रहता है. उन्होंने बताया कि किसी भी स्थिति में गौशाला में नमी नहीं होने दे. अगर नमी है तो कुट्टी भूंसी या सूखी राख का छिड़काव करें. दूसरे दिन पुनः उसे अलग हटाकर गौशाला का साफ सफाई कर दे. ठंडी के मौसम में गौशाला के खिड़की किवाड़ बंद रखें. अगर किसी पशु के शरीर के तापमान बढ़ने,भूख न लगने तथा नाक से पानी गिरने की शिकायत हो- तो तत्काल नजदीक के पशु चिकित्सक से संपर्क कर उपचार कराने का प्रयास करें.क्या जानकारी देते हैं मौसम वैज्ञानिक
मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने बताया कि औरंगाबाद सहित बिहार के अन्य जिलों में अब कड़ाके की ठंडी पड़ेगी. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 20 दिसम्बर तक घने कोहरे का रेड अलर्ट जारी है. वहीं 21 से 22 दिसम्बर को घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी है. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले 48 घंटे के भीतर बिहार में कोल्ड वेव का असर दिखने लगेगा. पश्चिमी हवाओं के सक्रिय होने से ठंड में और इजाफा होने की संभावना है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में सक्रिय नए पश्चिमी विक्षोभ का असर अब उत्तर भारत के मैदानी इलाकों तक पहुंच गया है. इसके चलते ठंडी और शुष्क पछुआ हवाएं बिहार में प्रवेश कर रही हैं. इन हवाओं के कारण रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है, जबकि दिन में धूप निकलने के बावजूद ठंड बनी हुई है. नमी और ठंडी हवा के मेल से सुबह के समय कोहरा और स्मॉग जैसी स्थिति बन रही है.अगले पाँच दिनों में वातावरण का अधिकतम तापमान 22 से लेकर 24 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 10-12 डिग्री सेल्सियस रहने कि संभावना हैडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

