ओरा और हसौली से भाजपा को लीड, खैराबिंद में कांग्रेस को मामूली लीड
फोटो नंबर-8-जीत के बाद सैल्यूट करते भाजपा के युवा कार्यकर्ता-फाइल फोटोसुजीत कुमार सिंह, औरंगाबाद औरंगाबाद विधानसभा सीट पर महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शंकर सिंह को हार मिली और भाजपा के त्रिविक्रम नारायण सिंह ने जीत दर्ज की. मतगणना समाप्त होने के बाद जगह-जगह हार-जीत की चर्चा छिड़ी है. पक्ष-विपक्ष के कार्यकर्ता व समर्थक हार-जीत का आकलन करने में जुटे है. कहां किसकी हार हुई और किसकी जीत यह चौक-चौराहों से लेकर गांव के चौपाल तक चर्चा में है. कांग्रेस के हार के पीछे और भाजपा की जीत के बाद भी आंकड़ों को टटोला जा रहा है. जिन लोगों को वोट का ठेकेदार बताया जा रहा था वे सदमे में है. बड़ी बात यह है कि जिन पंचायतों को महागठबंधन व एनडीए का गढ़ माना जा रहा था, उन अधिकतर इलाकों में गढ़ ध्वस्त होते हुए नजर आये है. कांग्रेस विधायक आनंद शंकर सिंह हार के बाद भी अपने पंचायत यानी खैराबिंद से मामूली लीड लेने में सफल रहे. हालांकि, यह पंचायत एक तरह से कांग्रेस के गढ़ के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन यहां भी भाजपा को 40 प्रतिशत से अधिक वोट मिले. खैराबिंद पंचायत में 2586 मत कांग्रेस को और 2237 मत भाजपा को मिले. बसपा के प्रत्याशी शक्ति मिश्रा भी 685 वोट लेने में कामयाब हो गये.ओरा पंचायत से भाजपा की जीत
ओरा पंचायत को कांग्रेस का गढ़ माना जा रहा था. खासकर महागठबंधन से जुड़े विभिन्न जातियों के वोट की वजह से इस पंचायत पर कांग्रेस की नजर थी. लेकिन, यहां से कांग्रेस की एक तरह से उम्मीदें ध्वस्त हो गयी. ओरा पंचायत में 11 बूथ हैं. बूथ नंबर 143 से 153 तक. ओरा पंचायत मुख्यालय में ही दो बूथ है. एक बूथ पर कांग्रेस को 389 व भाजपा को 374, दूसरे बूथ पर कांग्रेस को 347 व दूसरे बूथ पर भाजपा को 381 मत मिले. भरवार में 152 और 153 यानी दोनों बूथों पर भाजपा को बड़ी बढ़त मिली. 152 नंबर बूथ पर कांग्रेस को 102 व भाजपा को 233, जबकि 153 पर कांग्रेस को 46 और भाजपा को 246 मत मिले. पूरे पंचायत की बात की जाये, तो कांग्रेस को 11 बूथों पर 1846 और भाजपा को 2446 मत मिले. बड़ी बात यह है कि बसपा प्रत्याशी शक्ति मिश्रा को इस पंचायत से 1289 वोट मिले. खासकर बूथ नंबर 145 शेखपुरा पर बसपा को 319, कांग्रेस को 25 व भाजपा को 74, जबकि बूथ नंबर 146 राजपुर पर बसपा को 489, भाजपा को 30 और कांग्रेस को 47 मत मिले.हसौली पंचायत से भाजपा को मिली 256 मतों की लीड
हसौली पंचायत महागठबंधन के लिए एक अहम पंचायत माना जाता है. इसे महागठबंधन के गढ़ के तौर पर देखा जाता रहा है, लेकिन यहां भी एनडीए सेंध लगाने में कामयाब रहा. हसौली पंचायत में 11 बूथ है. 284 से लेकर 294 तक. इस बूथ पर महागठबंधन को 2798 और भारतीय जनता पार्टी को 3054 मत प्राप्त हुए. यानी कि 256 मतों की लीड भाजपा को मिली.जम्होर पंचायत की लीड से भाजपा की जीत की मिली नींव
चुनाव से पहले जम्होर पंचायत की चर्चा खूब हुई. भाजपा नेता व पूर्व मंत्री रामाधार सिंह के गढ़ के तौर पर इसे देखा जाता रहा है. इस पंचायत के लोगों के लिए असमंजस की स्थिति थी. कभी भाजपा, तो कभी कांग्रेस के बीच जाने की चर्चा छिड़ी थी. हालांकि, मतदाताओं ने एक बार फिर भाजपा पर ही भरोसा जताया. इस पंचायत से भाजपा को 3050 मत मिले, जबकि कांग्रेस को 1295 मतों से ही संतोष करना पड़ा. 500 मत बसपा को भी मिला. इस पंचायत से 1755 मतों की लीड ने भाजपा की जीत की नींव रख दी. हर राउंड में भाजपा के प्रत्याशी लीड में रहे और वह अंतिम तक बरकरार रखा.कांग्रेस के गढ़ पोइवा से भाजपा की जीत
जिस पंचायत ने बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंह को जन्म दिया. जिस पंचायत ने कांग्रेस के कद्दावार नेता सत्येंद्र नारायण सिन्हा को जन्म दिया और वे बिहार के मुख्यमंत्री बने. जिस पंचायत ने दो-दो राज्य के राज्यपाल यानी निखिल कुमार को जन्म दिया, उस पंचायत से भाजपा की जीत हुई. हम बात कर रहे है पोइवा पंचायत की. यह पंचायत कांग्रेसियों के गढ़ के तौर पर जाना जाता रहा है. अनुग्रह नारायण सिंह, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, निखिल कुमार और श्यामा सिन्हा ये चारों हस्ती एक ही परिवार से संबंधित हैं और पोइवा गांव से ही संबंध भी रखते हैं. इन चारों ने कांग्रेस की बागडोर संभाली. औरंगाबाद ही नहीं बल्कि बिहार में कांग्रेस की डोर को मजबूत की, लेकिन अब यहां भाजपा ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. पोइवा पंचायत में 12 बूथ है. इस पंचायत में कांग्रेस को 2455 और भारतीय जनता पार्टी को 2550 वोट मिले. यानी कि 95 मत से भाजपा को लीड मिली. इस पंचायत से कई भाजपाइयों की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

