निजी क्लिनिकों की लगातार जांच के बाद भी नहीं रुक रहा मौत का मामला रफीगंज. निजी क्लिनिकों में लापरवाही का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर सप्ताह किसी न किसी क्लिनिक में किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही है. हर घटना के बाद नारेबाजी व हंगामा का दौर चल रहा है. आश्चर्य की बात यह है कि एक तरफ स्वास्थ्य विभाग की टीम निजी क्लिनिकों की पड़ताल कर रही है. अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए छापेमारी कर रही है. पिछले 15 दिनों की बात की जाये तो दर्जनों क्लिनिकों को सील किया गया. यहां तक कि कई क्लिनिकों पर भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया गया. दूसरी तरफ लापरवाही भरी इलाज से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार की रात रफीगंज शहर के बाबूगंज काली स्थान स्थित निदान अस्पताल में एक नवजात बच्चे की मौत के बाद बवाल होने का मामला प्रकाश में आया है. हालांकि, घटना की सूचना पर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की. सोमवार की सुबह अंचलाधिकारी भारतेंदु सिंह व थानाध्यक्ष शंभू कुमार के निर्देश पर क्लिनिक को सील कर दिया गया. अंचलाधिकारी भारतेंदु सिंह ने बताया कि बुधवार को कासमा थाना क्षेत्र के खैरी मुड़ला गांव निवासी अनूप यादव की पत्नी अंजू देवी ने सरकारी अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था. जन्म के बाद वह घर चली गई थी. रविवार की सुबह बच्चे की तबीयत खराब हो गयी. अंजू देवी उसे लेकर सरकारी अस्पताल के समीप पहुंची, तो वहां मौजूद बबलू कुमार नामक व्यक्ति उसे अपने निजी अस्पताल ले जाकर में इलाज करने लगा. इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई. इस मामले में मृत नवजात के पिता अनूप यादव ने झोलाछाप चिकित्सक बबलू कुमार एवं कंपाउंडर को नामजद आरोपित बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है. इधर, जानकारी मिली कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद चिकित्सक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की. थानाध्यक्ष शम्भू कुमार ने बताया कि वरीय अधिकारियों के निर्देश पर अवैध ढंग से चल रहे अस्पताल को सील कर दिया गया है. डॉक्टर फरार है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

