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रफीगंज में महिला व नवजात की मौत के बाद दो अस्पताल सील

एफआइआर दर्ज होने के बाद सीओ ने की कार्रवाई

एफआइआर दर्ज होने के बाद सीओ ने की कार्रवाई फोटो -13- मां बच्चा अस्पताल को सील करते पदाधिकारी 13ए- महादेव अस्पताल को विरुद्ध कार्रवाई करते अधिकारी प्रतिनिधि, रफीगंज रविवार को रफीगंज शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के समीप महादेव अस्पताल एवं कासमा रोड स्थित मां बच्चा अस्पताल अंचलाधिकारी भारतेंदु, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार केसरी एवं एसआइ आकाश कुमार दलबल के साथ पहुंचे और दोनों अस्पतालों को सील कर दिया. अंचलाधिकारी भारतेंदु बताया कि महिला एवं नवजात की मौत के बाद दोनों अस्पताल पर कार्रवाई की गयी है. घटना से संबंधित महुआइन गांव निवासी अखिलेश चौधरी ने रफीगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें महादेव अस्पताल के डॉ महादेव यादव, एएनएम राधा देवी, मां बच्चा अस्पताल के डॉ विकास कुमार, सुभाष कुमार व महुआइन गांव की आशा ललिता देवी को नामजद आरोपित बनाया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि अपनी पत्नी 27 वर्षीय शोभा देवी को प्रसव के लिए 27 नवंबर की दोपहर में रफीगंज के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था. सरकारी अस्पताल में डॉ लालजी यादव और एक एएनएम ने जांच के बाद बताया कि मरीज की स्थिति ठीक है और प्रसव सामान्य हो जायेगा. इसमें थोड़ा समय लगेगा. इसी बीच ललिता देवी ने उन्हें सरकारी अस्पताल में प्रसव ठीक से नहीं होने की बात कहकर महादेव अस्पताल जाने की सलाह दी. 27 नवंबर की पूरी रात सरकारी अस्पताल में इंतजार किया, लेकिन वहां किसी डॉक्टर या नर्स ने उनकी पत्नी का कोई इलाज नहीं किया. आशा की सलाह पर परिवार ने अपनी मरीज को 28 नवंबर को करीब एक बजे महादेव अस्पताल में भर्ती कराया. महादेव अस्पताल में डॉ महादेव यादव और अवकाश प्राप्त एएनएम राधा देवी ने कथित तौर पर परिजनों को बताया कि मरीज की स्थिति ठीक नहीं है और जितनी जल्दी हो सके ऑपरेशन कराना होगा. ऑपरेशन से पहले उनसे 30 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा गया. परिजनों ने तुरंत 30 हजार रुपये जमा कर दिये, जिसके बाद शोभा देवी का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन की थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि महिला व नवजात दोनों सीरियस है. डॉ महादेव ने कासमा रोड स्थित मां बच्चा अस्पताल में बच्चे को साथ ले जाकर भर्ती कराया. बच्चा अस्पताल के डॉ विकास कुमार ने बताया कि बच्चा सीरियस है. 20 हजार रुपये जमा करें. इसके कुछ देर बाद बताया कि बच्चे की स्थिति ठीक नहीं है. रेफर करना होगा. जब बच्चे को देखा, तो वह मृत अवस्था में पड़ा था. दूसरी तरफ डॉ महादेव ने एंबुलेंस बुलाकर हमारे परिजन के साथ मेरी पत्नी को गया के किसी अस्पताल में भेज दिया तथा डॉ महादेव एवं सभी स्टाफ अस्पताल छोड़कर फरार हो गये. प्राथमिकी दर्ज होते ही पुलिस हरकत में आयी और छानबीन शुरू कर दी. विधायक ने डीएम से की बात इधर, महिला और नवजात की मौत की खबर पर जदयू विधायक प्रमोद कुमार सिंह ने परिजनों से मुलाकात की. इसके बाद विधायक ने डीएम श्रीकांत शास्त्री से फोन पर बातचीत की. डीएसपी सह थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि महिला को यहां से पटना कदमकुंआ भेजा गया था, जहां वह मृत पायी गयी. इसके बाद भी वहां के अस्पताल वाले परिजनों से 80 हजार की डिमांड किये जाने की बात बतायी गयी. पुलिस के फोन करने पर शव दिया, जिसे रफीगंज थाना लाया गया. महिला एवं नवजात का शव सदर अस्पताल औरंगाबाद भेजकर पोस्टमार्टम कराया गया और अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया. वरीय अधिकारियों के निर्देश पर अवैध अस्पतालों में छापेमारी कर दोनों अस्पताल को सील कर दिया गया. आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

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