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चार दिन लापता चालक का शव देव मोड़ के पास गड्ढे से मिला

अपराधियों ने ओरा गांव के मनोज की हत्या कर फेंका शव, दो गिरफ्तार, घटना के दिन नवादा से समान अनलोड कर लौट रहा था घर

अपराधियों ने ओरा गांव के मनोज की हत्या कर फेंका शव, दो गिरफ्तार

घटना के दिन नवादा से समान अनलोड कर लौट रहा था घर

औरंगाबाद ग्रामीण. पांच दिनों से लापता ओरा गांव के 34 वर्षीय युवक मनोज कुमार यादव का शव मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देव मोड़ के समीप से बरामद हुआ है. मृत युवक ओरा गांव निवासी लखन यादव का बेटा था. जिस जगह से युवक लापता हुआ था. उसी जगह से उसका शव भी बरामद हुआ है. अपराधियों ने बेरहमी से उसकी हत्या कर रस्सी के सहारे शव को बांध दिया था और ईंट से लटकाकर गड्ढे में फेंक दिया था. इधर, इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. गिरफ्तार लोगों की निशानदेही पर ही देव मोड़ के समीप से मनोज का शव बरामद किया गया. मंगलवार की सुबह सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान उसके गांव के ही राजद नेता व जिला पार्षद अनिल यादव ने बताया कि मनोज यादव मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बियाडा स्थित एक कंपनी का वाहन चलाता था. वह प्रतिदिन कंपनी से सामान लेकर बिहार के विभिन्न इलाकों में डिलीवरी करने जाता था. डिलीवरी के बाद वह कैश लेकर आता था और मालिक को देता था. 24 सितंबर की सुबह वह अपने वाहन पर सामान की लोडिंग कर बियाडा स्थित कंपनी से नवादा के लिए निकला था. शाम चार बजे वह नवादा जिले के इस्लामपुर पहुंचा और सामान अनलोडिंग किया. इसके बाद वह छह बजे गयाजी पहुंचा. इस दौरान फोन पर उसकी पत्नी से भी बातचीत हई. उसके फोन की बैटरी कमजोर थी, तो उसने पत्नी को फोन बंद होने की बात भी बतायी थी. इसके बाद वह गया से रफीगंज-शिवगंज होते अपने घर के लिए चला. 24 सितंबर की रात करीब 10:53 में वह देव मोड़ के समीप पहुंचा और उसी जगह से वह लापता हो गया. जब पूरी रात घर नहीं लौटा तो परिजनों को चिंता हुई. परिजन खोजबीन करने निकले तो देव मोड़ के समीप से उसका वाहन बरामद हुआ. इसके बाद परिजनों ने गुमशुदगी से संबंधित आवेदन मुफस्सिल थाने में दिया. इधर, दो दिन बाद भी जब शव बरामद नहीं हुआ तो जनप्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया.

जिंदा नहीं खोजे तो मुर्दा शव ही खोज दीजिये : अनिल

शव बरामद नही होने के बाद जिला पार्षद व राजद नेता ने एक वीडियो जारी किया था. वीडियो में उन्होंने पुलिस प्रशासन पर आरोप भी लगाये थे. कहा था कि जिला प्रशासन कम से कम मनोज को जिंदा नहीं खोज पायी तो मुर्दा ही खोज दे. अंतत: पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच पड़ताल में जुट गयी. कुछ लोगों को चिह्नित कर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की. इसके बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार लोगों में फेसर थाना क्षेत्र के चतरा गांव निवासी उमेश यादव व औरंगाबाद शहर के ही गंज मुहल्ला निवासी बबलू खान शामिल है. गिरफ्तार आरोपित उमेश यादव की निशानदेही पर मनोज का शव देव मोड़ के समीप गड्ढे से बरामद किया गया.

रस्सी से बांधकर ईंट रखकर गड्ढे में डाला शव

अनिल यादव ने बताया कि अपराधियों ने निर्मम तरीके से मनोज की हत्या कर दी. गड्ढे से शव बाहर न निकले इसके लिए अपराधियों ने उसके ही वाहन से रस्सी काटकर उसमें ईंट बांधकर गड्ढे में डाल दिया. ईंट से दबाव होने के कारण शव गड्ढे में ही अंदर दबा हुआ था. पांच दिनों तक गड्ढे में दबे होने से मनोज का शव सड़ चुका था. उससे दुर्गंध निकल रहा था.

कंपनी के मालिक पर भी हत्या का आरोप

जिला पार्षद अनिल यादव ने कहा कि पैसों को लेकर उसकी हत्या हुई है. उन्होंने कंपनी के मालिक पर हत्या करवाने का आरोप लगाया है. कहा कि कंपनी द्वारा मनोज से कैश पैसा मंगवाया जाता था. इस डिजिटल दौर से सबकुछ ऑनलाइन होता है, तो मालिक अपना टैक्स बचाने के लिए कैश पैसा मंगवाता था. प्रतिदिन पैसों का कैश खेल चल रहा था. कुछ लोगों को उस पर नजर थी और अंततः हत्या कर दी.

मनोज की मौत के बाद परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़

परिजनों ने बताया कि एक वर्ष पहले ही मनोज के पिता की कैंसर से मौत हो गयी थी. गरीबी होने के कारण वह अपने पिता का ठीक से इलाज भी नही करा पाया था. पिता की मौत के बाद वह अपने घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था. परिजनों को उसके ऊपर ही उम्मीद थी. मनोज के एक बेटा व दो बेटी हैं. घटना के बाद से परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है तो वहीं गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. गांव में दशहरा पर्व को लेकर खुशी का माहौल था. मनोज की हत्या के बाद गांव में मातम पसर गया है.

क्या कहते हैं थानाध्यक्ष

मुफस्सिल थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि पांच दिन पूर्व लापता हुए युवक का शव देव मोड़ स्थित गड्ढे से बरामद कर लिया गया है. मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. गिरफ्तार आरोपितों के निशानदेही पर ही उसका शव बरामद किया गया है. फिलहाल शव का पोस्टमार्टम कराकर दाह संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.

जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक

इधर, घटना की सूचना पर सदर विधायक आनंद शंकर सिंह, जिला पार्षद शंकर यादवेंदु, जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव, रोटेरियन संतोष यादव, विकास यादव सहित अन्य लोग सदर अस्पताल पहुंचे और मृतक के प्रति गहरा शोक प्रकट किया. जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से कड़ी कार्रवाई करते हुए घटना का सफल उद्भेदन करने का मांग की है. वहीं जिला प्रशासन से मुआवजे की भी मांग की है. पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया है.

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