औरंगाबाद नगर. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से बच्चों के शिक्षा हित में सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र एवं बालिका शिक्षा पर सरकार का विशेष ध्यान है. बालिकाओं को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, औरंगाबाद जिले में 16 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित है. इनमें 11 टाइप वन के विद्यालय है, जहां छठी से आठवीं कक्षा तक के बालिकाओं को पढ़ने की व्यवस्था की गयी है. वहीं, पांच टाइप 4 के विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं, जहां नौवीं से 12वीं कक्षा तक के बालिकाओं को आवासित रहकर पढ़ने की व्यवस्था है. विभाग द्वारा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नामांकित बालिकाओं को रहने खाने की व्यवस्था के साथ-साथ शैक्षणिक सामग्री भी उपलब्ध करायी जाती है. इससे गरीब तबके के बालिकाओं को पढ़ने में काफी सहूलियत हुई है. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से पढ़कर अब तक सैकड़ों ऐसी बालिकाएं कामयाबी हासिल कर चुकी है, जिन्हें घर पर पढ़ने के लिए आवश्यक संसाधन का अभाव था. हालांकि अधिकारियों द्वारा विद्यालय संचालन के लिए गाइडलाइन में लगातार बदलाव किये जाने से बालिका शिक्षा प्रभावित हो रही है. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय जम्होर टाइप 4 एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भरूब टाइप 4 को नजदीक के टाइप 1 विद्यालय के साथ संविलियन कर टाइप -3 के रूप में संचालित किये जाने की योजना बनायी गयी है. राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के पत्रांक 2231 में 53 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय टाइप 4 को टाइप 1 के साथ संविलियन कर टाइप 3 में परिवर्तित किये जाने संबंधी स्वीकृति प्राप्त होने का उल्लेख किया गया है. दिसंबर माह में टाइप वन विद्यालय के साथ भोजन व्यवस्था किये जाने से टाइप 4 की बालिकाएं विद्यालय छोड़ दी थीं. जानकारी के अनुसार, दो अक्त्तूबर 2024 को औरंगाबाद जिला अंतर्गत तीन कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की शुरुआत की गयी. प्रारंभ में तो बालिकाओं का नामांकन यह बता कर लिया गया कि सभी बालिकाओं को विद्यालय कैंपस के अंदर ही सभी तरह की व्यवस्थाएं दी जायेंगी. बालिकाओं को विद्यालय कैंपस से बाहर नहीं जाना पड़ेगा, परंतु तकरीबन दो माह बीतते ही टाइप 4 की बालिकाओं को भोजन व्यवस्था के लिए टाइप वन के विद्यालय में शिफ्ट किया गया. ऐसे में नाश्ता-भोजन के लिए दूसरे विद्यालय में जाने में बालिकाएं असहज और असुरक्षित महसूस करने लगीं. इससे अधिकतर बालिकाएं विद्यालय छोड़ दीं. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय जम्होर में मात्र तीन व भरूब में मात्र चार बालिकाएं आवासित रही थीं. वहीं, टाइप 4 सिरिस में बालिकाओं की संख्या नगण्य हो गयी थी. इस बीच प्रभात खबर अखबार द्वारा 10 दिसंबर को इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया. अखबार में खबर प्रकाशित होते ही शिक्षा विभाग की ओर से एक दूसरा पत्र निर्गत करते हुए एक रसोईया को रखकर टाइप- 4 के विद्यालय में ही भोजन की व्यवस्था शुरू करायी गयी है. यह व्यवस्था शुरू होने के बाद अब विद्यालय में बालिकाओं की संख्या बढ़ने लगी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी विद्यालय में वर्तमान में 30 से 50 बालिकाएं आवासित रह कर पढ़ाई कर रही है क्या हैं टाइप-3 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय टाइप वन में कक्षा छह से आठ तक के बालिकाओं को पढ़ने की व्यवस्था है. वहीं, टाइप 4 में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के बालिकाओं के पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है. अब जिले के दो कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय टाइप 4 को टाइप वन के साथ संविलियन कर टाइप 3 विद्यालय में परिवर्तित किया गया है. टाइप 3 कस्तूरबा गांधी आवासी बालिका विद्यालय में छठी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को पठन-पाठन की व्यवस्था होगी. अब सवाल यह उठता है कि कक्षा 6 से 12 तक के छात्राओं को आवासित रहने की व्यवस्था एक ही कैंपस में करना होगा, जिसके लिए अब तक संसाधन की व्यवस्था नहीं की गयी है. ऐसे में टाइप 4 की बालिकाएं असहज महसूस कर रही है. व्यवस्था में कमी होने पर बालिका एक बार फिर से विद्यालय छोड़कर जा सकती है. ऐसे में बालिका शिक्षा प्रभावित होने की आशंका है. एपीओ व डीपीओ के बयान में है अंतर टाइप 4 के विद्यालय को टाइप वन के साथ संपरिवर्तित कर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप 3 में परिवर्तित किये जाने को लेकर एपीओ व डीपीओ से पूछने पर दोनों की बातों में स्पष्ट रूप से अंतर सामने आया. एपीओ उमेश कुमार ने टाइप 4 के विद्यालय को संपरिवर्तित कर टाइप 3 का संचालन किये जाने से इन्कार किया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अब तक विभाग का कोई भी पत्र प्राप्त नहीं है. वहीं, डीपीओ भोला कुमार कर्ण ने बताया कि विभाग द्वारा जिले के दो कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय जम्होर व भरूब को टाइप 3 के रूप में परिवर्तित किया गया है. विभागीय निर्देश के आलोक में अग्रतर कार्रवाई की जा रही है.
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