जनता इंटर कॉलेज लभरी परसावां में बैठक कर आंदोलन को धारदार बनाने का लिया निर्णय
पटना में आमरण अनशन पर बैठेंगे शिक्षकअंबा. वित रहित अनुदानित शिक्षण संस्थान के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर आज गुरुवार से आंदोलन करेंगे. यह आंदोलन अनुदान नहीं वेतनमान फोरम के तत्वाधान में किया जायेगा. इस बीच वित्त रहित शिक्षण संस्थान में शैक्षणिक कार्य ठप रहेगा और शिक्षक एवं कर्मी पटना में आमरण अनशन पर बैठें रठेंगे. आंदोलन की तैयारी को लेकर बुधवार को जनता इंटर कॉलेज लभरी परसावां में एक बैठक की गयी. अध्यक्षता अनुदान नहीं वेतनमान फोरम के जिला संयोजक प्रो श्याम प्रकाश पाठक ने की. इस दौरान वित रहितकर्मियों से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गयी तथा उपस्थित सभी लोगों ने हक की लड़ाई के लिए अपनी सहभागिता निभाने का संकल्प लिया. कहा कि कई वर्षों से हम सभी शिक्षक व कर्मचारी निःशुल्क शिक्षा देकर शैक्षणिक गतिविधि को बेहतर बनाने में जुटे हैं. सरकार द्वारा इसके लिए अनुदान देने की योजना तो बनायीगयी पर समय पर अनुदान भी नहीं मिल पाता है, जिससे हम सभी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं .अब तक सरकार को कई बार समस्याओं के प्रति ध्यान आकृष्ट कराया गया है, परंतु सरकार हम सभी की समस्याओं के प्रति सकारात्मक रुक नहीं अपना रही है .अपनी समस्याओं से लड़ने के लिए हम सबको खुद से तैयार होना होगा. शिक्षको ने कहा कि आंदोलन को और तेज कर आर-पार की लड़ाई होगी. जिला संयोजक ने कहा कि बिहार के शैक्षणिक व्यवस्था के सुधार में वित्त रहित संस्थान का अहम योगदान रहा है. हमारे कई साथी निःशुल्क शिक्षा देते अपना पूरा जीवन समाप्त कर दिए पर सरकार द्वारा उन्हें किसी तरह का लाभ नहीं दिया गया. आज हम सभी को घोर आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा हैं. अपनी समस्याओं को मिटाने के लिए हम सबको एक बार एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है. इस बार पूरे बिहार के अनुदानित संस्थान के शिक्षक एवं कर्मी एकजुट है.
1450 संस्थानों में बंद रहेगा ताला, पटना में आमरण अनशन पर बैठेंगे कर्मी
जिला संयोजक ने कहा कि इस बार का आंदोलन आर-पार की होगी. 28 अगस्त से बिहार के 1450 वित्त रहित संस्थान में ताला बंद रहेगा. इस दौरान सभी संस्थान के कर्मी पटना में घेरा डालो-डेरा डालो एवं आमरण अनशन पर बैठेंगे. महाविद्यालय के प्राचार्य विनय कुमार सिंह, प्रो किरण सिंह, प्रो उपेंद्र सिंह, प्रो मनोज कुमार सिंह आदि ने भी आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की. कहा कि हम सभी को अनुदान नहीं बल्कि वेतनमान चाहिए. इसके लिए सरकार के समक्ष एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाना होगा. उन्होंने कहा कि इस बार पटना के आमरण अनशन में जिले के सभी संस्थानो के शिक्षक एवं कर्मी भाग लेंगे.चार मांगें हैं शामिल
वित्त रहित शिक्षक एवं शिक्ष कर्मचारी का यह आंदोलन मुख्य रूप से चार मांगों को लेकर किया जायेगा. मांगों में शिक्षा समिति की अनुशंसा लागू करते हुए परीक्षा पर आधारित अनुदान के बदले नियमित मासिक वेतन सहित सभी सरकारी सुविधा दिया जाना, लंबित अनुदान का एक मुक्त भुगतान सीधे कर्मियों के खाते में किया जाना, प्रस्वीकृति के लिए अनुशंसहित मान्यता प्राप्त संस्थान का मान्यता पूर्ववत बहाल रखना, सेवानिवृत्त शिक्षक एवं कर्मचारियों को पेंशन दिया जाना शामिल है. बैठक में शकील अंसारी, बलिंदर विश्वकर्मा, मणि शंकर कुमार, गुड्डू, मनोज, इंदु आदि थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

