औरंगाबाद शहर. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सुकुल राम द्वारा सोमवार को जिले के सभी थानाध्यक्षों के साथ बैठक की गयी. बैठक में आठ मार्च को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए थानाध्यक्षों को टास्क सौंपा गया. उनके स्तर से मामलों को चिह्नित कर अपने-अपने थाना क्षेत्र में लोक अदालत के प्रति जागरूक कर अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन करवाने के लिए प्रेरित किया गया. सचिव ने थानाध्यक्षों से कहा कि प्राधिकार ने विभिन्न न्यायालयों में लंबित सुलहनीय वादों की सूची थानावार तैयार कर भेजी है. इसमें आपकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. इन मामलों में पक्षकारों से संपर्क स्थापित कर उन्हें प्रोत्साहित करें कि मामले को खत्म कर भाईचारे और विवाद मुक्त समाज बनाने में प्रशासन का सहयोग करें. अगर उन्हें पक्षकारों की काउंसलिंग की आवश्यकता पड़े, तो वे पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार अथवा संबंधित न्यायालय में भेजें. साथ ही आप अपने थाना स्तर पर ध्यान दें कि लोक अदालत के संबंध में निर्गत नोटिस पक्षकारों तक निश्चित रूप से पहुंच जाये. ध्यान रखें कि नोटिस का तामीला कराते वक्त पक्षकारों के तामीला पर नाम और संपर्क संख्या अवश्य अंकित करा लें, ताकि संबंधित न्यायालय और जिला विधिक सेवा प्राधिकार अपने स्तर से भी पक्षकारों को राष्ट्रीय लोक अदालत में उनके वादों को निस्तारण कराने में प्रयास करें. उन्हें यह निर्देश दिया गया कि अगर आपको जानकारी प्राप्त हो कि सूचक आपके थाना क्षेत्र से बाहर निवास कर रहा है, तो आप उसे अपने माध्यम से संबंधित थाने से संपर्क स्थापित कर वहां सूचक को सूचित करें एवं इसकी सूचना प्राधिकार अथवा न्यायालय को प्रेषित करना सुनिश्चित करेंगे. इसके साथ-साथ आप सभी अपने इलाके के जनप्रतिनिधियों को बुलाकर लोक अदालत के संबंध में उन्हें जागरूक करें, ताकि वह अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर अन्य लोगों को भी लोक अदालत के लिए जागरूक कर अपने गांव मुहल्ले को विवाद मुक्त बनायें.
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