भूमि विवाद व एफआईआर का मामला गरमाया, दुकान बंद कर व्यवसायियों ने जताया विरोध
पूरे दिन मान-मनौव्वल का चला दौर, अनिश्चितकालीन बंदी की धमकीफेसर. सदर प्रखंड का फेसर बाजार पूरे दिन सुर्खियों में रहा. भूमि विवाद के बाद प्रदर्शन और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी ने विवाद को उफान पर ला दिया है. प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए व्यवसायियों ने पूरे दिन बाजार बंद रखा. तमाम दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रख विरोध जताया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. इसके कारण पूरे दिन बाजार में तनावपूर्ण माहौल रहा. बंद समर्थकों का आरोप था कि स्थानीय पुलिस और सीओ की मिलीभगत से राज्यपाल के नाम पहले से लिखी गई जमीन पर अवैध निर्माण किया जा रहा है. तीन दिन पहले उक्त भूमि में निर्माण कार्य को लेकर कुछ लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था. जब पुलिस रास्ते से गुजर रही थी तो उन्हें रोका गया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी गई. इसमें 20 लोगों को नामजद और 10-15 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि थाना सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण करा रही है. जब लोगों ने विरोध किया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक निर्माण कार्य रोका नहीं जायेगा और एफआईआर वापस नहीं ली जायेगी, तब तक दुकानें बंद रहेंगी.
ग्रामीण बाजार में भारी असर
फेसर बाजार बंद होने से दर्जनों गांवों के लोग प्रभावित हुए. रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए सैकड़ों ग्रामीण प्रतिदिन बाजार आते हैं. पहले भी स्थानीय पुलिस के खिलाफ कई दिनों तक बाजार बंद रह चुका है. हालांकि इस बार बाजार बंद रहने के दौरान मेडिकल दुकान और बैंक का संचालन चलता रहा. फेसर बाजार में प्रतिदिन लाखों का कारोबार होता है.
घंटों चला मान-मनौव्वल का दौर
बाजार बंद होने की सूचना पर पदाधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया. पूरे दिन नेताओं और अधिकारियों द्वारा व्यवसायियों को दुकाने खोलने के लिए समझाया गया. लोजपा जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह सोनू ने व्यवसायियों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनी. अंचल अधिकारी अनुज कुमार, इंस्पेक्टर कृष्णनंदन कुमार और किसान नेता अमित सिंह ने भी लोगों को समझाने की कोशिश की. समाचार लिखे जाने तक दुकानें बंद ही रहीं. लोजपा जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह सोनू ने कहा कि मामला गंभीर नहीं है और इसका जल्द समाधान किया जाएगा. अंचल अधिकारी से वार्ता चल रही है और दोनों पक्षों को बैठाकर समस्या का हल निकाला जायेगा. किसान नेता अमित सिंह ने कहा कि प्राथमिकी में कुछ पढ़ने वाले बच्चों के नाम भी शामिल हैं, जिससे उनके भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग रहा है. उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर सीनियर अफसरों से बातचीत करें और उचित दृष्टिकोण से मामले की जांच कराई जाये.
विवादित जमीन पर अलग-अलग राय
विवादित जमीन पर निर्माण कार्य करा रहे जमीन मालिक रणविजय दूबे के पुत्र सुधीर कुमार दूबे ने कहा कि जमीन विवादित नहीं बल्कि उनका रैयती प्लॉट है और उसका रसीद भी कट चुका है. इसी प्लॉट में पहले भी कई बार खरीद-बिक्री हुई है. उन्होंने बताया कि आज लोग इसे अवैध बता रहे हैं. अंचल अधिकारी ने सभी कागजातों की जांच की और कहा कि जमीन रैयती है, इसलिए निर्माण कार्य रोकना न्यायसंगत नहीं है. दूसरी ओर, विरोध कर रहे लोग दावा कर रहे हैं कि उक्त जमीन अस्पताल निर्माण के लिए राज्यपाल के नाम लिखी जा चुकी है, इसलिए उस पर निर्माण नहीं किया जा सकता.
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