23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पेड़ों का सरंक्षण ही प्रकृति की असली पूजा

आरओएफ ने पेड़ों की रक्षासूत्र बांधकर लिया सुरक्षा का संकल्प

औरंगाबाद/ कुंटुबा. पेड़ों के संवर्द्धन व सरंक्षण ही प्रकृति की असली पूजा है. ये बातें वन प्रक्षेत्र महाराजगंज के आरओएफ अविनाश कुमार ने कही. वे सोमवार को सावन पूर्णिमा व रक्षाबंधन पर संडा कार्यालय परिसर में पेड़ो में रक्षा सूत्र बांधकर रखरखाव और सुरक्षा की संकल्प ले रहे थे. इस दौरान उन्होनें वन कर्मियों के साथ युवाओं को भी संकल्प दिलाया. उन्होंने कहा कि वृक्ष धरती का अनमोल धरोहर और प्रकृति की ओर से दिया हुआ अनुपम उपहार है. वृक्ष पर्यावरण में हरियाली लाने के साथ-साथ मुफ्त में छाया फल और प्राण वायु ऑक्सीजन देते है. मानव जीवन सुरक्षित रखने के लिए भोजन पानी व आवास से अधिक जरूरी ऑक्सीजन की है. उन्होंने कहा कि जल सरंक्षण, मृदा संरक्षण व वायु सरंक्षण में भी बाग बगीचे की भूमिका अहम है. वर्तमान में मनुष्य अपने भविष्य के लिए चिंता किए बगैर पेड़ों की कटाई कर रहा है. यह मानव जीवन के लिए शुभ संकेत नहीं है. धरती पर पेड़ों की कमी होने से जैव विविधता पर खतरा मंडरा ने लगा है. पर्यावरण संतुलन के लिए पशु पक्षी से लेकर सभी तरह के जीव जंतुओं का होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि धार्मिक परंपरा में सदियों से नदी पर्वत वृक्ष आदि की पूजा होती आयी है. अगल मनुष्य सुखमय जीवन व्यतीत करना चाहता है तो धरातल पर पेड़ लगाए और उसे बचाने का प्रयास करें. आरओएफ ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के बच्चों के बीच तरह-तरह के 27 हजार पौधों का वितरण किया जाना है. इसमें फलदार और जैव विविधता के साथ लकड़ी का भी पेड़ है. वन विभाग द्वारा वितरित की गई पौधे बच्चे स्कूल से अपने घर ले जाकर बाग बगीचे या फिर सार्वजनिक स्थल पर लगायेंगे. इससे बच्चों के बीच प्रकृति संरक्षण के प्रति सर्वस्व समर्पण की भावना जागृत होगी. मौके पर अमित कुमार, सीजी मुकेश कुमार, जनेश्वर राम और शिवंनदन प्रसाद आदि थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें