बैठक में पॉक्सो व गंभीर आपराधिक वादों की प्रगति की हुई समीक्षा औरंगाबाद शहर. कलेक्ट्रेट के सभागार में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में जिला अभियोजन कार्यों, सिविल कोर्ट में लंबित मानव-व्यापार विरोधी, पॉक्सो एवं गंभीर आपराधिक वादों की प्रगति समीक्षा बैठक का संयुक्त रूप से आयोजन किया गया. बैठक में न्यायालयों में लंबित सिविल एवं फौजदारी वादों, विशेषकर संवेदनशील श्रेणी के मामलों की अद्यतन स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गयी. डीएम ने अभियोजन कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को लंबित वादों की नियमित मॉनीटरिंग और समयबद्ध निबटारा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अभियोजन प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब नहीं होना चाहिए. समन एवं वारंट का तामिला समय पर सुनिश्चित की जाये और गवाहों की उपस्थिति में कोई बाधा उत्पन्न न हो. इसके लिए पुलिस विभाग एवं अभियोजन शाखा आपसी तालमेल के साथ कार्य करें. जिलाधिकारी ने उन मामलों की एक अलग सूची बनाने का निर्देश दिया जिनमें गवाहों की उपस्थिति में कठिनाई हो रही है, ताकि ऐसे मामलों में शीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि मानव-व्यापार विरोधी, पॉक्सो तथा गंभीर आपराधिक मामलों से संबंधित वादों में त्वरित एवं प्रभावी न्याय दिलाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. विशेष लोक अभियोजक एवं सहायक सरकारी अधिवक्ताओं को निर्देश दिया गया कि वे नियमित रूप से वादों की प्रगति की समीक्षा करें और संबंधित थाना प्रभारियों से समन, वारंट एवं केस रिकॉर्ड की अद्यतन स्थिति प्राप्त करते रहें. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि प्रत्येक माह नये दर्ज वादों की तुलना में अधिक वादों के निष्पादन का लक्ष्य रखा जाये, ताकि लंबित मामलों की संख्या में ठोस कमी लायी जा सके. बैठक में प्रभारी पदाधिकारी, विधि शाखा अपर समाहर्ता (विशेष कार्यक्रम), पुलिस उपाधीक्षक, लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक, सहायक सरकारी अधिवक्ता, विशेष लोक अभियोजक, जिला अभियोजन पदाधिकारी तथा अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे.
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