औरंगाबाद शहर. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पीटीसन (सिविल) संख्या (5) 640/2021 एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म बनाम भारत निर्वाचन आयोग में 14 अगस्त को पारित अंतरिम न्यायादेश के अनुपालन में जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण कार्रवाई की गयी. उक्त आदेश के आलोक में ऐसे सभी निर्वाचकों की सूची, जिनका नाम वर्ष 2025 की निर्वाचक सूची (प्रारूप प्रकाशन के पूर्व) में शामिल था, किंतु एक अगस्त 2025 को प्रकाशित प्रारूप निर्वाचक सूची में शामिल नहीं पाया गया, उनके नामों की सूची मतदान केंद्रवार संकलित कर कारण सहित प्रदर्शित कर दी गयी है. इस सूची में मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, अनुपस्थित अथवा दोहरी प्रविष्टि जैसे कारण स्पष्ट रूप से अंकित किए गए हैं, ताकि जनता पारदर्शी रूप से अवगत हो सके. यह सूची प्रखंड कार्यालय नवीनगर के सूचना पट्ट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध करा दी गयी है, जिससे सभी नागरिक एवं राजनीतिक दल इस संबंध में साक्ष्यपूर्वक जानकारी प्राप्त कर सकें. इस दौरान पर सभी प्रखंड स्तरीय राजनीतिक दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें सभी प्रमुख दलों के अध्यक्ष एवं प्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक में निर्वाचन प्रक्रिया को शुद्ध, पारदर्शी एवं निष्पक्ष बनाए रखने पर विस्तृत चर्चा की गई. उपस्थित सभी दलों के प्रतिनिधियों ने निर्वाचन आयोग द्वारा उठाये गये कदम का स्वागत किया तथा मतदाताओं को जागरूक करने और दावे-आपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया. अंत में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सहायक निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा यह अपील की गई कि जिन निर्वाचकों का नाम प्रारूप सूची में विलोपित पाया गया है, वे आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित तिथि के भीतर दावा एवं आपत्ति प्रस्तुत करें, ताकि उन्हें अंतिम मतदाता सूची में शामिल करने की प्रक्रिया पूरी की जा सके.
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