औरंगाबाद नगर. बिहार राज्य मध्याह्न भोजन योजना कर्मचारी संघ के आह्वान पर औरंगाबाद जिला इकाई के कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गये. हालांकि हरतालिका तीज को लेकर स्कूलों के बंद होने की वजह से इसका असर नहीं दिखा. बुधवार से स्कूलों का संचालन होगा. इसके बाद भी स्पष्ट होगा कि हड़ताल का असर क्या दिखता है. ज्ञात हो कि पूरे बिहार के 534 मध्याह्न कर्मी मंगलवार से हड़ताल पर चले गये है. ऐसे में संभावना जतायी जा रही है कि मध्याह्न भोजन योजना का कार्य कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है. औरंगाबाद की बात करें तो यहां 13 प्रखंड साधनसेवी, एक लेखापाल व एक जिला कार्यक्रम प्रबंधक सहित 15 कर्मचारी हड़ताल पर है. यह भी ज्ञात हो कि औरंगाबाद जिले के कई प्रखंडों में एनजीओ के माध्यम से मध्याह्न भोजन सरकारी विद्यालयों में पहुंचायी जाती है, लेकिन अधिकांश प्रखंडों व विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनायी जाती है. हड़ताल पर गये कर्मचारियों के लॉगिंग आईडी व पासर्वड उपलब्ध नहीं होने की वजह से असर पड़ सकता है. इधर, बिहार राज्य मध्याह्न भोजन योजना कर्मचारी संघ जिला इकाई के अध्यक्ष प्रभाकर कुमार सिंह ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर हड़ताली कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की है. सरकार को आगाह कराया है कि उनका मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए. अन्यथा वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ही रहेंगे. जिलाध्यक्ष ने कहा कि बिहार राज्य मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत सभी कर्मी विगत 18 वर्षों से अति अल्प मानदेय पर कार्य करते हुए योजना के सफल संचालन में अपनी भूमिका निभा रहे है. विभाग द्वारा वर्ष 2010, 2012 व 2018 से लगातार तीन बार अपने ही आदेश से सभी कर्मियों का मानदेय बढ़ाने के लिए पत्र निर्गत किया गया था, लेकिन 15 वर्ष बीत जाने के बाद भी विभाग द्वारा अपने आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. मध्याह्न भोजन योजना के सभी कर्मियों द्वारा मानदेय बढ़ाने के लिए विभाग के संबंधित वरीय पदाधिकारियों से गुहार लगायी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. वर्तमान में बिहार सरकार द्वारा सभी विभागों के कर्मियों के मानदेय व वेतन में बढ़ोतरी लगभग दुगुना किया गया है, परंतु अब तक मध्याह्न भोजन योजना के कर्मियों को इस लाभ से वंचित रखा गया है. ज्ञात हो कि मध्याह्न कर्मियों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी थी और अंतत: वे हड़ताल पर चले गये. 30 अगस्त तक सभी कर्मचारी जिला कार्यालय में उपस्थित होकर कार्यों का पूर्ण बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन करेंगे. दो सितंबर को पटना में धरना भी देंगे.
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