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गांधी मैदान के इलाके से हटायी गयी मांस-मछली की दुकानें

पुलिस बलों की तैनाती में चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान

पुलिस बलों की तैनाती में चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान

औरंगाबाद ग्रामीण. शहर के गांधी मैदान के समीप अतिक्रमण अभियान चलाया गया. सड़क पर लगे मछली, मुर्गा–मांस की दुकानों को हटाया गया. जानकारी मिली कि शुक्रवार को नगर पर्षद के कर्मी पुलिस बल के साथ पहुंचे और कार्रवाई शुरू कर दी. यूं कहें कि उक्त जगह को अतिक्रमण से मुक्त करा दिया गया है. हालांकि, उक्त जगह से दुकान हटाये जाने को लेकर मुर्गा, मछली व्यवसायियों में आक्रोश दिखा. व्यवसायियों का कहना था कि नगर पर्षद की टीम पुलिस बल लेकर अचानक पहुंची और दुकानों को तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया. किसी को दुकान हटाने तक का भी मौका नही मिला. व्यवसायी नीरज चौधरी, विकाश कुमार, शिव कुमार, नेयाज अंसारी, वसीम अख्तर सहित अन्य व्यवसायियों ने बताया कि वे लोग पिछले कई वर्षों से उक्त जगह पर दुकान लगाते है. उक्त जगह से दुकान हटाने के लिए कभी भी नोटिस नही दिया गया. हालांकि ठीक बगल में ही प्रशासन द्वारा मार्केट बनाया गया है, लेकिन उसे अभी चालू नही किया गया है. व्यवसायी भी उसे चालू होने का इंतजार कर रहे है. अगर नगर परिषद द्वारा यहां से दुकान हटाने का नोटिस दिया जाता तो व्यवसायी अपना जुगाड़ कर लेते. अचानक शुक्रवार को कर्मी पुलिस बल के साथ जेसीबी लेकर पहुंचे और एकाएक तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया.

पूरा दिन रहता था जाम, आवागमन में परेशानी

बड़ी बात है कि जिस जगह से मछली मार्केट को खाली कराया गया उस जगह पर पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती थी. अक्सर शाम में वहां से गाड़ियां तो दूर पैदल भी गुजरना मुश्किल हो जाता था. व्यवसायी सड़क के किनारे ही अपनी दुकान सजाते थे और खरीदारी करने वाले ग्राहक सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी कर देते थे. इससे लोगों को आवागमन करने में परेशानी होती थी. पहले के भी कई बार प्रशासन ने उक्त जगह को खाली कराने की कोशिश की थीं, लेकिन वे लोग नही हटें.

मछली मार्केट पर सालों चला नेताओ की राजनीति

जब शुक्रवार को बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाया गया तो छूटभैये नेताओं ने चुप्पी साध ली. इसके पहले नेताओं ने जमकर राजनीति की थी. कुछ लोग मछली मार्केट को उक्त जगह से हटाना चाहते थे, तो कुछ लोग उसी जगह पर रहने देना चाहते थे. इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा था. खासकर आसपास रहनेवाले लोगों को जीना मुहाल हो गया था. मछली, मुर्गा के वेस्ट चीजो को नदी किनारे ही फेंक दिया जाता है, जिससे बीमारियों का खतरा बना रहता था.

हाइकोर्ट के निर्देश का होना चाहिए पालन : अधिवक्ता

अधिवक्ता देवकांत कुमार ने बताया कि पहले मछली मार्केट को हटाने को लेकर शिकायत की गई थी. पटना हाइकोर्ट ने खुले तौर पर यह निर्देश जारी किया था कि सड़क किनारे मांस की दुकान नही खुलेगी. अगर वहां पर सार्वजनिक स्थल जैसे मंदिर, नदी और स्कूल हो तो बिल्कुल दुकाने नही रहेगी. हाइकोर्ट द्वारा यह भी स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था कि मांस को खुले तरीके से नही काटना है. किसी भी मांग को पर्दा लगाकर काटना है. इसके उपरांत नगर परिषद को नोटिस जारी की गयी और नोटिस के आधार पर कार्रवाई हुई.

क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता

नगर पर्षद के कार्यपालक अभियंता अजित कुमार ने कहा कि उक्त जगह को अतिक्रमण मुक्त नही कराया गया है. उस जगह पर दुकान सजाने वाले व्यवसायियों को मंडी में शिफ्ट किया गया है. वैसे उन्होंने बुलडोजर चलाने की बातों से भी इंकार किया है.

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