औरंगाबाद/देव. ऐतिहासिक एवं पौराणिक देव सूर्य मंदिर में चंद्रग्रहण का असर रविवार भादो पूर्णिमा के दिन देखने को मिला. ग्रहण काल के चलते मंदिर प्रशासन ने पूजन-अर्चना और दर्शनों की व्यवस्थाओं में बदलाव किया था. सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान सूर्य के दर्शन के लिए उमड़ रही थी. सूर्य मंदिर के साथ-साथ प्रखंड के सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद कर दिये गये. इनमें प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर, दुर्गा मंदिर, खाईमठ महादेव मंदिर आदि शामिल हैं. वैसे जिला मुख्यालय के तमाम मंदिरों के साथ अन्य प्रखंडों के मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिये गये. शाहपुर दुर्गा मंदिर, क्लब रोड साई मंदिर, श्रीकृष्ण नगर दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों के कपाट बंद कर दिये गये. मान्यताओं के अनुसार सूतक काल और ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ नहीं किया जाता है. इससे पहले रविवार को भादो पूर्णिमा के अवसर पर सुबह चार बजे मंदिर खुले थे. हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया. विद्वानों ने लोगों को ग्रहण के दौरान जागने और भगवान का नाम स्मरण करने की सलाह दी है. सूर्य मंदिर न्यास समिति के सचिन विश्वजीत राय ने बताया कि रविवार को भादो पूर्णिमा के अवसर पर सुबह चार बजे सूर्य मंदिर खुले थे. सूतक काल शुरू होते ही दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर सूर्य मंदिर का कपाट बंद कर दिया गया. भादो पूर्णिमा रविवार की रात 9:56 से रात 1:28 बजे तक चंद्र ग्रहण लगने का कारण मंदिर के पट बंद करने का निर्णय लिया गया. ग्रहण काल शुरू होने से पहले सूर्य भगवान की आरती संपन्न हुआ. मंदिर के पट सोमवार को सुबह खोले जायेंगे.
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