डॉक्टर को मानते है भगवान तो रखें भरोसा, लापरवाही की कोई जगह नहीं : आइएमए
औरंगाबाद कार्यालय. औरंगाबाद शहर स्थित डॉ लालसा सिन्हा के अस्पताल में जच्चा-बच्चा की हुई मौत और मौत के बाद हुए बवाल पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आइएमए ने आईएमए हॉल में बुधवार को प्रेस वार्ता कर पूरी स्थिति को स्पष्ट किया है. आइएमए औरंगाबाद के अध्यक्ष डॉ राधेश्याम गुप्ता, सचिव डॉ राजीव कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ विनय कुमार, प्रवक्ता डॉ ब्रजकिशोर अटल, डॉ अनिल कुमार सिन्हा, डॉ निर्मला कुमारी, डॉ अभय कुमार, डॉ विकास कुमार ने पूरी घटना पर विस्तार से जानकारी दी. चिकित्सकों ने जच्चा-बच्चा की हुई मौत के कारणों को स्पष्ट किया और बताया कि मृतक महिला 14 वर्ष से एक बच्चे के लिए तरस रही थी. गर्भधारण की प्रक्रिया काफी जटिल थी और खतरे के भी चांस थे, लेकिन मरीज के परिजन सारी स्थिति को समझते हुए पूरे प्रोसेस के लिए राजी हुए और उनका इलाज शुरू किया गया. सब कुछ सामान्य चल रहा था. महिला के गर्भ में जुड़वे बच्चे पल भी रहे थे, लेकिन प्रसव के दौरान पानी अत्यधिक गिर जाने से खतरा बना और काफी प्रयास के बाद उसे बचाया नहीं जा सका. चिकित्सकों ने बताया कि ऐसी परिस्थिति में हिंदुस्तान ही नहीं विश्व के बेहतरीन से बेहतरीन चिकित्सक भी जीवन और मौत को स्पष्ट नहीं कर सकते.तोड़फोड़ व हंगामा किसी मामले का हल नहीं, जताना होगा भरोसा
आईएमए के डॉक्टरों ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि इलाज के दौरान जिस महिला की मौत हुई उसे और उसके गर्भ में पल रहे बच्चों को बचाने का हर संभव प्रयास किया गया. डॉ लालसा के साथ-साथ बाहर के भी अस्पताल से उसका इलाज चल रहा था. जब उसे भर्ती कराया गया और इलाज शुरू किया गया तो कुछ चुनौतियां सामने आयी. महिला का पानी गिर चुका था. बच्चे की स्थिति गंभीर थी. परिजनों को तत्काल ऑपरेशन की बात कही गयी. परिजन इसके लिए राजी भी हुए. बीपी भी उस वक्त बेहतर था, लेकिन ऑक्सीजन का लेवल लगातार घट रहा था. 10-20 के बीच ऑक्सीजन का लेवल था. जच्चा-बच्चा को बचाने के लिए ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू ही की गयी थी कि स्थिति गंभीर हो गयी. ऐसे में परिजनों को बताते हुए मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया. इसके बाद परिजनों व कुछ अन्य नेताओं ने हल्ला-हंगामा किया. तोड़फोड़ की. इसके बाद प्रशासन को सूचना दी गयी. स्थिति बेहद विकराल हो गयी थी. आइएमए के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर आप डॉक्टर को भगवान मानते है तो आपको भरोसा करना होगा. डॉक्टर को ही गलत ठहराना सही नहीं है. किसी भी मरीज का इलाज डॉक्टर तत्परता व ईमानदारी से करता है.अगर यही स्थिति रही तो शायद डॉक्टर मरीज का इलाज भी नहीं कर पाये. आइएमए के पदाधिकारियों ने कुछ मीडिया कर्मियों पर सवाल भी उठाया. कहा कि सच्चाई को जानने की आवश्यकता होनी चाहिए. प्रेस वार्ता के दौरान डॉ रविरंजन कुमार, डॉ शोभा रानी, डॉ पुष्पेंद्र कुमार, डॉ विकास कुमार, डॉ पीयूष रंजन, डॉ मनीष कुमार, डॉ ऋचा चौधरी, डॉ ऋतिविक, डॉ उमेश कुमार, डॉ अमित कुमार, डॉ राजेश कुमार, डॉ कविता सहदेव, डॉ चांदनी सिंह, डॉ रुचि पाठक, डॉ रंजन कुमार आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

