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बाबा रामदेव को गोबर के बने माले किये गये भेंट

पंचदेव धाम चपरा की हर दिन बढ़ रही ख्याती

अंबा. पंचदेव धाम चपरा में निर्मित गोमेद सामग्री की ख्याति बढ़ती जा रही है. बिहार के साथ-साथ दूसरे राज्यों से भी लोग धाम में दर्शन पूजन व गोमेद सामग्री की खरीदारी के लिए पहुंचने लगे हैं. इधर, गोमेद सामग्री निर्माण के प्रभारी सीमा पांडेय ने हरिद्वार में बाबा रामदेव व बालकृष्ण से मिलकर उन्हें पंचदेव धाम में निर्मित गोमेद सामग्री भेंट की. सीमा ने बताया कि गोमेद सामग्री निर्माण को देखकर पतंजलि हरिद्वार प्रबंधन द्वारा उन्हें दूरभाष से योग हर परिवार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा था. इस दौरान निर्मित गोमेद सामग्री लाने की बात कही गयी थी. उन्होंने बताया कि गोमेद सामग्री लेकर वह हरिद्वार पहुंची, तो वहां कार्यक्रम के दौरान काफी कुछ सीखने को मिला. जैविक खाद से निर्मित विभिन्न तरह के प्रोजेक्ट दिखाये गये. कार्यक्रम के अंत में उन्हें बाबा रामदेव व बालकृष्ण से मुलाकात करने का अवसर मिला. शिष्टाचार मुलाकात के दौरान सीमा पांडेय ने योग गुरु बाबा रामदेव व बालकृष्ण को गोबर से बनी माला भेंट स्वरूप प्रदान किया. सीमा पांडेय के अनुसार गोबर से निर्मित माला देखकर बाबा रामदेव ने हर्ष जाहिर करते हुए कहा कि उनके जीवन का यह सबसे बेहतर गिफ्ट है. उन्होंने बताया कि उन्होंने पहली बार गोबर से बने माला देखा है, जो आकर्षण के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी है. सीमा पांडेय ने बताया कि गोबर से बने माला एवं अन्य गोमेद सामग्री निर्माण के संबंध में बाबा रामदेव ने उनसे काफी देर तक पूछताछ की. बाबा रामदेव को बताया कि बगैर किसी केमिकल का इस्तेमाल किये हाथ से ही माला तैयारी की जाती है. इससे मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन से बचाव होता है. वहीं शरीर को एनर्जी भी प्राप्त होता है. बाबा रामदेव ने माला के लिए गोली तैयार करने के मशीन के बारे में सीमा पांडेय को बताया. उन्होंने पतंजलि केंद्र को पंचदेव धाम चपरा में निर्मित गोबर के दीपक, गमला, ब्रेसलेट, सजावट के समान, तीसी व शॉप से बने लड्डू, चाय शिकंजी एवं खाने पीने की वस्तुएं भी प्रदान की. बताया कि जैविक खाद से उत्पादित अनाज की खरीदारी पतंजलि केंद्र द्वारा करने का आश्वासन दिया गया है. विदित है कि धाम के संस्थापक अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा गोमेद सामग्री का निर्माण किया जाता है. सीमा पांडेय खुद महिलाओं को प्रशिक्षण देकर सामग्री का निर्माण करती है. इससे महिलाओं को बेहतर रोजगार भी मिल रहा है. एंटी रेडिएशन चिप, मूर्ति समेत विभिन्न सामग्री का भी किया जाता है निर्माण धाम परिसर में महिलाएं एंटी रेडिएशन चिप भी तैयार कर रही है. सीमा पांडेय ने बताया कि भागदौड़ की जिंदगी में हर लोगों के लिए मोबाइल एक हिस्सा बन गया है. मोबाइल से काफी खतरनाक रेडिएशन निकलता है, जिससे कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो रही है. इससे बचाव के लिए स्वदेशी गाय के गोबर से एंटी रेडिएशन चिप का निर्माण किया जाता है. इसके साथ ही लक्ष्मी गणेश व विभिन्न प्रकार की मूर्ति, दिया, जाप माला, धूपबत्ती, चरण पादुका, ब्रेसलेट राखी समेत घर में सजावट के विभिन्न सामान का निर्माण भी गाय के गोबर से कराएं जाते हैं. बाजार के मिट्टी के मूर्ति में कई तरह के केमिकल मिला होता है, जिससे जल व वायु प्रदूषित होता है. गाय के गोबर से बने मूर्ति व दीया पूजन के बाद घर में विभिन्न प्रकार के फूल व पौधों के गमले में रख कर पानी डाल देने से फुल एवं पौधों के लिए जैविक खाद बन जाता है. इसी तरह स्वदेशी गाय के गोबर से चटाई भी बनाए जा रहे हैं, जो शुगर, बीपी के साथ-साथ कई तरह के बीमारी से बचाव में कारगर साबित हो रहा है. सबसे खास बात तो यह है कि गोबर से निर्मित सभी सामग्री काफी हल्के एवं टिकाऊ है. इसकी शोभा भी बाजार की सामग्री से कम नहीं है.

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