प्रखंड कार्यालय से उठाये गये बीज साहूकारों और व्यापारियों तक पहुंच जा रहे अंबा. रबी फसल की बुआई के लिए कृषि विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में अनुदानित दर पर बीज वितरण किया जा रहा है. हाल के दिनों में चना, मटर, मसूर और सरसों के बीज बांटे जा रहे हैं. बीज लेने के लिए कृषि कार्यालय के बाहर रोजाना सैकड़ों किसानों की लंबी कतार देखने को मिल रही है. भीड़ बढ़ने से किसान और विभागीय कर्मी दोनों परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि योजना का लाभ उठाने के लिए फर्जी लाभुकों की सक्रियता बढ़ गई है. कई ऐसे लोग भी लाइन में लग जाते हैं, जो खेती नहीं करते. इससे वास्तविक किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. प्रगतिशील किसानों का कहना है कि घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद बीज मिल जाना मुश्किल होता है. मजबूरी में उन्हें खुले बाजार से ही महंगे दाम पर बीज खरीदना पड़ रहा है. ज्ञात हो कि अनुदानित बीज की कीमत बाजार से काफी कम होती है. यही कारण है कि पहले आओ–पहले पाओ के आधार पर वितरण के दौरान भारी भीड़ उमड़ पड़ती है. भीड़ इतनी अधिक हो जाती है कि असली और फर्जी लाभुक की पहचान करना लगभग नामुमकिन हो जाता है. किसानों ने आरोप लगाया कि कई बार फर्जी लाभुक बीज उठाव कर लेते हैं और उसे बाजार में अधिक दाम पर बेच देते हैं. बाजार निरीक्षण में भी सामने आया है कि प्रखंड कार्यालय से उठाये गये बीज साहूकारों और व्यापारियों तक पहुंच जा रहे हैं. अनुदानित दर के कारण स्थिति कई बार तनावपूर्ण भी हो जाती है और पुलिस की निगरानी में वितरण कराना पड़ता है. कुछ दिन पहले अंबा कृषि कार्यालय में अव्यवस्था और अत्यधिक भीड़ के कारण वितरण रोकना पड़ा था. बीएओ दीपक कुमार ने बताया कि बीज वितरण पूरी तरह सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप कराया जा रहा है, फिर भी अत्यधिक भीड़ और फर्जी लाभुकों की वजह से दिक्कतें उत्पन्न हो रही हैं. किसानों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वास्तविक किसानों की पहचान कर ही बीज वितरण सुनिश्चित किया जाये, ताकि सरकारी योजना का लाभ सही पात्रों तक पहुंच सके.
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