औरंगाबाद कार्यालय. औरंगाबाद पुलिस ने घरों में घुसकर चोरी करने वाले नौ आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने शातिरों के पास से नकद रुपये सहित अन्य सामान बरामद किया है. गिरफ्तारी व बरामदगी से संबंधित जानकारी सदर एसडीपीओ दो चंदन कुमार ने साझा की. उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि 25 मई को कासमा थाना क्षेत्र के अरथुआ गांव में अज्ञात अपराधियों ने रात में घर में घुसकर एक अटैची में रखे नकद 21 हजार, मोबाइल व सोने-चांदी के आभूषण की चोरी कर ली थी. इस मामले में एक जून को कासमा थाना कांड संख्या-72/25, दर्ज किया गया. कांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल ने सदर एसडीपीओ दो के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर कांड के त्वरित उद्भेदन व संलिप्त अभियुक्तों की अविलंब गिरफ्तारी के लिए निर्देश दिया. गठित टीम ने सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन, तकनीकी विश्लेषण व आसूचना संकलन के आधार पर कांड का सफल उद्भेदन करते हुए अभियुक्त मनिता देवी को चिह्नित कर गिरफ्तार किया. पूछताछ के क्रम में इस कांड में संलिप्त अन्य आठ अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया. कुल नौ लोगों की गिरफ्तारी हुई है. छापेमारी में कासमा थानाध्यक्ष इमरान आलम, एसआइ आशुतोष कुमार,एएसआई नवीन कुमार, राजीव कुमार, अरुण कुमार सिंह, किशोरी साह आदि शामिल थे. इन शातिरों हुई गिरफ्तारी गिरफ्तार लोगों में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पवई गांव निवासी बलमा मुसहर की पत्नी मनिता देवी, दुर्गा मुसहर की पत्नी सोनी कुमारी, कबूतर मुसहर की पत्नी शंकुतला देवी, हगनू मुसहर के पुत्र रंजय मुसहर, स्व विनोद मुसहर के पुत्र उपेंद्र मुसहर, कुटुंबा थाना क्षेत्र के बभंडीह गांव निवासी जितेंद्र मुसहर की पत्नी रिंकू देवी, मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चितौड़गढ़ निवासी रामचंद्र मुसहर के पुत्र परम मुसहर, जम्होर थाना क्षेत्र के धनहारा गांव निवासी स्व लखन मुसहर के पुत्र बालेश्वर मुसहर उर्फ मनोज मुसहर और बारुण थाना क्षेत्र के सिरिस गांव निवासी भुट्टी मुसहर के पुत्र रोहित मुसहर उर्फ गोलू शामिल हैं. शातिरों के पास से बरामद सामान एसडीपीओ चंदन कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपना-अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. विभिन्न कांडों में भी अपनी संलिप्ता स्वीकार की है. गिरफ्तार शातिरों के पास से सोने का एक मंगटीका, सोने का एक पीस झुमका, चांदी का एक जोड़ा पायल, चांदी का एक जोड़ा बिछिया, चांदी का एक जोड़ा क्लिप, चांदी की एक अंगुठी, एक जोड़ा कानबाली, पांच मोबाइल फोन सहित अन्य सामान बरामद किया गया है. पहले करते थे रेकी, फिर देते थे घटना को अंजाम, सरदार बांटता था सामान पुलिस के हत्थे चढ़ी शातिर मनिता देवी ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया है कि वह और उसके परिवार व समाज के लोग, जिसमें कई पुरूष और महिलाएं शामिल हैं. दिन में गांव-गांव घुमकर कचरा चुनने तथा भीख मांगने का काम करते थे और इसी क्रम में गांव के सुनसान इलाके में अवस्थित घरों को चिन्हित कर उसकी रेकी कर वापस अपने घर लौट जाते थे. एक-दो दिन बाद अपने गिरोह के लोगों के साथ किराये पर एक ऑटो को लेकर रात में उस घर के पास जाते थे. इसके बाद कुछ लोग वैसे घर जिसमें ताले बंद रहते थे. उसे तोड़कर व वैसे घर जिसमें लोग रहते थे. उसमें भी घुसकर मूल्यवान वस्तुओं व आभूषणों की चोरी करते थे. इसके बाद ऑटो में सारा सामान रखकर पुनः अपने घर लौट जाते थे. चोरी के वस्तुओं को अपने घर के समीप ही भिन्न-भिन्न स्थानों पर जमीन में गाड़ देते थे. कुछ दिनों के बाद गिरोह का सरदार रवींद्र मुसहर आपसी बटवारा कर सभी को अपना-अपना हिस्सा दे देता था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है