तीन लाख रुपये में हुई थी डील, मुख्य साजिशकर्ता पवन सिंह की तलाश कर रही पुलिस
ओबरा. ओबरा थाना क्षेत्र के सदीपुर डिहरी गांव के समीप दूध विक्रेता प्रिंस कुमार को गोली मारकर जख्मी किये जाने के मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है. इसी के साथ घटना का उद्भेदन भी हो गया. प्रिंस की हत्या की साजिश उसके ही भाई पवन कुमार ने रची थी. हालांकि, साजिश विफल हो गया. गोली लगने के बाद जख्मी प्रिंस का इलाज अस्पताल में चला,जिसके बाद वह सुरक्षित बच निकला. इधर पुलिस ने घटना के मामले में अप्राथमिकी अभियुक्त व सदीपुर तकेया गांव निवासी अजय शर्मा के पुत्र अंकित कुमार और स्व नन्हे राम के पुत्र अभय कुमार को गिरफ्तार किया है. घटना में उपयोग किये गये बाइक को भी पुलिस ने बरामद किया है. बुधवार को दाउदनगर एसडीपीओ अशोक कुमार दास ने प्रेस वार्ता कर गिरफ्तारी व खुलासे से संबंधित जानकारी साझा की.ऑनलाइन गेम में लाखों रुपये हारकर भाई ने रची थी साजिश
दाउदनगर एसडीपीओ ने बताया कि 21 अगस्त को गोड़तारा गांव निवासी मिथिलेश सिंह के पुत्र प्रिंस कुमार को सदीपुर गांव के समीप बाइक सवार व्यक्तियों ने गोली मारकर जख्मी कर दिया था. उसका इलाज पटना में चल रहा है. इस मामले में ओबरा थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने सीसीटीवी फूटेज एवं अन्य तकनीकी साक्ष्य के आधार पर 26 अगस्त की मध्य रात्रि सदीपुर तकेया गांव से अप्राथमिकी अभियुक्त अंकित कुमार और अभय कुमार को गिरफ्तार किया गया. अनुसंधान के क्रम में तथ्य प्रकाश में आया कि जख्मी प्रिंस कुमार के भाई पवन कुमार को ऑनलाइन गेम खेलने की आदत थी. गेम में लगभग 10 से 12 लाख रुपया हार गया था. ऐसे में उसने अप्राथमिक अभियुक्तों को अपने भाई को गोली मारकर हत्या करने के एवज में तीन लाख रुपये देने से संबंधित डील किया था. डील के अनुसार अप्राथमिक अभियुक्तों द्वारा जान मारने के नियत से प्रिंस कुमार पर गोली चलायी,जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. एसडीपीओ ने बताया कि जख्मी के भाई पवन कुमार अप्राथमिकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर पटना के मेदांता अस्पताल से फरार हो गया.उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा. इस कार्रवाई में ओबरा थानाध्यक्ष नीतीश कुमार, दारोगा कुणाल कुमारी, निधि कुमारी के अलावे अंकित कुमार, रितु कुमारी आदि शामिल थे. ज्ञात हो कि प्रिंस के मामले में उसके ही पिता ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.हथियार नहीं हुआ बरामद
इधर, घटना में इस्तेमाल किये गये हथियार को बरामद नहीं किया जा सका है. ज्ञात हो कि घायल के पिता मिथलेश सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें गंगा बिगहा निवासी मुंजी कुमार को आरोपित बनाया था. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस साक्ष्य संकलन कर रही थी. परिजनों द्वारा जिस पर गोली मारने का आरोप लगाया गया था, उसका किसी तरह का कोई भी सबूत प्राप्त नहीं हुआ. घटना में उपयोग किये गये बाइक के नंबर की जांच की गयी तो दाउदनगर थाना क्षेत्र के गोरडिहा गांव निवासी रमेश ठाकुर के नाम पर अंकित मिला. इसके बाद पुलिस ने उक्त जगह पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान वह गाड़ी दहेज में सदीपुर तकिया गांव में बेटी की शादी में धीरज ठाकुर को देने की बात सामने आयी. इसके बाद पुलिस ने सदीपुर तकिया गांव में धीरज कुमार को हिरासत में लेते हुए पूछताछ की तो अंकित कुमार एवं अभय कुमार का नाम सामने आया. इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान उनके द्वारा सारी बात कबूल की गयी. हिरासत में दोनों आरोपितों ने बताया कि घायल के भाई पवन सिंह ने तीन लाख की राशि देने की बात कही थी. इधर सूत्रों से जानकारी मिली कि पूछताछ में गिरफ्तार लोगों ने बताया है कि पिस्टल पवन ने ही उपलब्ध कराया थाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

