औरंगाबाद ग्रामीण. जिला मुख्यालय के ब्लॉक मोड़ के समीप स्थित पृथ्वीराज चौहान स्मृति स्थल के प्रांगण में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. बच्चन की मधुशाला, हिंदी साहित्य की प्रयोगशाला विषयक विचार गोष्ठी की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह व संचालन उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने किया. डॉ ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह ने विषय प्रवेश के क्रम में कहा कि बच्चन जी हिंदी साहित्य के एक ऐसे कवि के रूप में जाने जाते हैं जिनकी मधुशाला ने आधुनिक हिंदी काव्य में प्रयोगशाला का कार्य किया था. उनकी मधुशाला एक प्रयोग थी जिसने आधुनिक हिंदी काव्य में हलचल मचाकर हालावाद को जन्म दिया और एक नयी परिपाटी की शुरुआत की. पृथ्वीराज चौहान ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह, वरीय सदस्य चंद्रप्रकाश विकास, जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह, सिन्हा कॉलेज के गणित विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ शिवपूजन सिंह ने कहा कि बच्चन जी ने आधुनिक हिंदी काव्य में दिल को छू जाने वाली काव्य रचना की, जिसने हर उम्र के लोगों पर अपना प्रभाव डाला. अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि बच्चन जी का हिंदी साहित्य में अविस्मरणीय योगदान है. अंग्रेजी के प्रोफेसर होते हुए भी उन्होंने हिंदी साहित्य में अतुलनीय योगदान दिया. हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर काव्य रचना करते रहे और तत्कालीन सरकार को हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए ध्यानाकर्षण हमेशा किया. विदेश मंत्रालय में 10 साल तक हिंदी के विशेषज्ञ के रूप में उन्होंने कार्य किया था. उनकी कृति मधुशाला, मधुबाला, मधु कलश, निशा निमंत्रण, एकांत संगीत, सतरंगी, हलाहल कालजई रचना है, जिसने हिंदी साहित्य को विशिष्टता प्रदान की.
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