औरंगाबाद शहर. कलेक्ट्रेट के सभागार में मंगलवार को जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री द्वारा जिला भू-अर्जन से सबंधित समीक्षा बैठक की गयी. इस बैठक में डीएम द्वारा भू अर्जन से संबंधित अद्यतन प्रगति प्रतिवेदन, भूमि की विवरणी, कुल परियोजना, भू अर्जन पूर्ण परियोजना, भुगतान की जा रही परियोजना सहित अन्य बिंदुओं पर संबंधित पदाधिकारी के साथ समीक्षा की गयी. बताया गया कि जिले में 11 परियोजना संचालित हैं, जिसमें सभी परियोजनाओं में जो रैयत प्रभावित हुए हैं उनके मुआवजा भुगतान के लिए अधियाची पदाधिकारियों द्वारा भूअर्जन के पश्चात योजनाओं के क्रियान्वयन कराए जाने व मुआवजा भुगतान में उत्पन्न हो रही समस्याओं के बारे में समीक्षा की गयी. सभी अधियाची पदाधिकारियों को भूअर्जन के पश्चात मुआवजा भुगतान में उत्पन्न हो रही समस्याओं के यथाशीघ्र निराकरण करने का निर्देश दिया. जिलाधिकारी द्वारा सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वैसी भूमी जिसका रैयतीकरण-सह-सरकारीकरण (गैरमजरूआ मालिक खास सहित) किया जाना है भूमि का रैयतीकरण का प्रस्ताव संबंधित भूमि सुधार उपसमाहर्ता के पास भेजें. साथ ही साथ रैयतों का एलपीसी अतिशीघ्र निर्गत करें. सभी अंचलाधिकारी एवं संबंधित कार्यपालक अभियंता को उक्त परियोजना के संचालन में कहीं कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिए नियमित समीक्षा एवं कार्य की प्रगति की समीक्षा करने करने को कहा. इसके अतिरिक्त संबंधित एजेंसी को भूमि का दखल कब्जा प्राप्त होने के उपरांत फसल कटने के बाद पथ निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिये. बैठक में अपर समाहर्ता ललित भूषण रंजन, जिला भू अर्जन पदाधिकारी सच्चिदानंद सुमन एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम सदर डीसीएलआर श्वेतांक लाल, सभी अंचलाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल हुए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

