औरंगाबाद शहर. सदर अंचल के अधिकारियों के मनमाने रवैये के खिलाफ गुरुवार को विधायक आनंद शंकर सिंह बेहद भड़क उठे और दर्जनों फरियादियों व समर्थकों के साथ अंचल कार्यालय पहुंच गये. विधायक अंचल कार्यालय के बाहर ही बैठ गये. जनता की समस्या को लेकर विधायक ने तेज धूप की भी फिक्र नहीं की और काफी देर तक अंचल कार्यालय के बाहर डटे रहे. यह देख अपने काम से आये किसानों व अन्य लोग भी वहां जुट गये और भीड़ लग गयी. अंचल के अधिकारी भी कार्यालय से बाहर निकले, जिन्हें विधायक ने लोगों की परिमार्जन, जमाबंदी सहित भूमि से जुड़ी अन्य समस्याओं से संबंधित आवेदन थमाया. इसके बाद उसे कार्यालय रजिस्टर में दर्ज कराया और 20 दिनों के अंदर निराकरण करने की बात कही. इस दौरान विधायक ने कहा कि भूमि से जुड़ी समस्याओं को लेकर आमलोग अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उसका समाधान नहीं हो रहा है. जीरो टॉलरेंस की नीति की बात करने वाली नीतीश सरकार के कार्यकाल में सरकारी दफ्तरों में अर्थनीति हावी है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि यदि अंचल एवं ब्लॉक कार्यालय अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं लाता है तो मजबूरन उन्हें हर तीसरे दिन कार्यालय में पायेंगे. हर हाल में अधिकारियों को जनता की समस्याओं का समाधान करना होगा. वे औरंगाबाद और देव अंचल कार्यालय में नियमित रूप से पहुंचेंगे. वैसे विधायक व आमलोगों के आक्रोश को देखते हुए अंचल कार्यालय के अधिकारी अपने कार्यालय से बाहर निकले और ढ़ाई दर्जन से अधिक आवेदन को अपने रजिस्टर में दर्ज करते हुए निष्पादित करने का आश्वासन दिया.
सीओ से संपर्क नहीं हुआ, तो विधायक पहुंचे कार्यालय
दरअसल सदर विधायक गुरुवार को अपने आवास पर जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे. इसी दौरान सदर अंचल कार्यालय से जुड़े कई भूमि मामले आये. इसपर विधायक ने सदर अंचलाधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. फिर क्या था. विधायक आनंद शंकर सिंह आक्रोशित हो गये और सभी फरियादियों को साथ लेकर के सदर अंचल कार्यालय पहुंचे. यहां कार्यालय के बाहर ही धूप में खुले आसमान के नीचे बैठ गए. विधायक को वहां बैठा देख अपनी समस्या लेकर अंचल कार्यालय पहुंचे अन्य किसानों एवं स्थानीय लोग वहां पहुंच गये. आमलोगों ने भी अंचलाधिकारी के रवैये और अंचल कार्यालय की कार्यशैली पर सवाल उठाया. स्थानीय लोगों ने विधायक को अपनी समस्या से अवगत कराया और कहा कि महीनों दौड़ने के बाद भी उनका काम नहीं हो रहा है. अंचल कार्यालय के कर्मियों द्वारा बेवजह उन्हें परेशान किया जा रहा है. इधर, अंचल कार्यालय के बाहर विधायक के बैठने की सूचना पाकर उप समाहर्ता एवं एलआरडीसी भागे-भागे अंचल कार्यालय पहुंचे और कर्मियों को सभी किसानों एवं अन्य लोगों का आवेदन लेने को कहा. 20 दिन के अंदर सभी के मामलों का निराकरण की बात कहकर विधायक को पूरे मामले की जानकारी देते हुए आश्वस्त किया.
कार्यशैली सुधार लाने की विधायक ने दी नसीहत
विधायक ने कहा कि औरंगाबाद विधानसभा अंतर्गत दर्जनों ऐसी कार्य योजना है जिनका अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला है जिसके कारण आगे के विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है. विकास योजनाओं से संबंधित सभी फाइलों को भी अविलंब ठीक करने के लिए संबंधित पदाधिकारी को विधायक ने कड़े लहजे में कहा. उन्होंने यदि ब्लॉक एवं अंचल कार्यालय अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं आता है तो मजबूरन उन्हें हर सप्ताह में एक दिन औरंगाबाद और एक दिन देव के अंचल कार्यालय में जनता दरबार लगाना पड़ेगा. कहा कि अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है. इसका उदाहरण पिछले दिनों संपन्न हुई 20 सूत्री की बैठक में देखने को मिला. जब वहां लोगों द्वारा यह कहा गया कि अंचल कार्यालय अपने यहां के कार्यों का एक रेट लिस्ट टांग दें, ताकि किसान उतनी राशि लेकर आएं और अपना काम कर सकें. इस आलोक में प्रभारी मंत्री ने अंचल के मामलों को लेकर अलग से बैठक करने की बात भी कही थी, लेकिन उसके बाद भी यहां की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ और किसान अपने जमीन के परिमार्जन, जमाबंदी सहित कई मामलों के निराकरण के लिए दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं. यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
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