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Aurangabad News : वट वृक्ष की पूजा करने उमड़ी सुहागिनों की भीड़

Aurangabad News : पति की दीर्घायु के लिए वट वृक्ष में बांधा रक्षा सूत्र

औरंगाबाद/देव. औरंगाबाद शहरी इलाके के साथ-साथ गांवों में वट सावित्री पूजा को लेकर उत्साह नजर आया. सुबह से ही विभिन्न इलाकों में स्थित बरगद के पेड़ के समीप महिलाओं ने बैठकर पूजा अर्चना की. भगवान की कथा भी सुनी. बरगद के पेड़ में रक्षा सूत्र बांधकर ईश्वर से पति को दीर्घायु होने की कामना की. शहर के न्यू एरिया, क्षत्रियनगर, करमा रोड, वीर कुंवर सिंह नगर, बराटपुर, टिकरी मुहल्ला, शाहपुर सहित तमाम मुहल्लों में पूजा को लेकर महिलाओं में उत्साह नजर आया. इधर, देव नगर पंचायत के मध्य विद्यालय हॉस्पिटल मोड़ प्रांगण एवं सूर्यकुंड तालाब परिसर स्थित वट वृक्ष की सुहागिनों ने सोमवार को पूजा-अर्चना की. तिलोता बिगहा, दुतु बिगहा, चतुर बिगहा, सरेंजा आनंदीबाग, गोदाम आदि गांवों और टोलों से लोगों ने पहुंच कर विधि विधान के साथ पूजा व आरती की. ज्ञात हो कि वट-सावित्री का व्रत हिंदू धर्म में कई मायनों में खास होता है. इसे सौभाग्य, संतान और पति की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है. सुहागिन महिलाएं 16 शृंगार कर बरगद के पेड़ के चारों ओर फेरे लगा कर पति की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं. इस दिन वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करने का प्रधान है. इस व्रत को वट सावित्री के नाम से इसीलिए पुकारा जाता है, क्योंकि सावित्री-सत्यवान की कथा का विधान है.

सुखद दांपत्य का प्रतीक है वट सावित्री व्रत

हसपुरा.

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन वट सावित्री पूजा महिलाएं करती है. इसे सुखद दांपत्य का प्रतीक माना गया है. सुबह होते ही शहर से लेकर गांव तक महिलाएं वट वृक्ष के समीप पूजा करने में जुट गयी. वट वृक्ष की परिक्रमा कर महिलाओं ने पति के दीर्घायु के लिए भगवान से प्रार्थना की. आचार्य पंडित लाल मोहन शास्त्री ने कहा कि पूजा के उपरांत व्रत रखने वाली सुहागिनों को कथा अवश्य सुनना चाहिए. उन्होंने कहा कि वट सावित्री व्रत पूजा खासकर सौभाग्य वृद्धि का व्रत है.

वट पूजा को लेकर रफीगंज में दिखा उत्साह

रफीगंज.

सोमवार को बट सावित्री पूजा उत्साह के साथ प्रखंड क्षेत्र में मनाया गया. पौराणिक विधि अनुसार सुहागिन महिलाएं अहले सुबह उठ पवित्रता के साथ तैयार होकर वट वृक्ष की पूजा अर्चना की तथा अपने पति की लंबी आयु के साथ परिवार की सुख-शांति की कामना की. विद्वानों के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश यानी तीनों का वास होता है. इस व्रत में बरगद के पेड़ के चारों तरफ घूम कर सुहागिन महिलाएं रक्षा सूत्र बांधते हुए वट वृक्ष की फेरी लगाती है तथा भगवान से आशीर्वाद मांगती हैं. इधर, शहर के महादेव घाट, डिहवार स्थान, महावीर स्थान, तिवारी बिगहा, कासमा, भादवा, बराही, चित्रसारी मोड़, नीमा बाजित, खंडवा, खैरी, उचौली, अकौनी आदि पूजा की धूम रही.

फेसर में धूमधाम से मनायी गयी वट सावित्री पूजा

सदर प्रखंड के फेसर में धूमधाम से सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री की व्रत रख कर पूजा अर्चना की. सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए कामना की. मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन देवी सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने पर विवश किया था.

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