औरंगाबाद शहर. औरंगाबाद इस्कॉन में रविवार को रामनवमी महोत्सव का आयोजन किया जायेगा. फार्म मोड़ स्थित रघुवीर नगर में इस्कॉन मंदिर परिसर में इसका आयोजन होगा. कार्यक्रम सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक चलेगा. इसकी जानकारी इस्कॉन औरंगाबाद के मीडिया प्रबंधक हिमांशु राज ने दी है. इस आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है, जिससे इस्कॉन मंदिर परिसर भक्ति और श्रद्धा के भाव गूंज उठेंगे. महोत्सव के दौरान भगवान श्री राम और माता जानकी का अभिषेक 108 पवित्र द्रव्यों से किया जायेगा. इसमें शुद्ध गंगाजल, केसर मिश्रित जल और अन्य पवित्र द्रव्य शामिल हैं. यह अनुष्ठान श्रद्धालुओं को भगवान के दिव्य स्वरूप से जोड़ने में सहायक होगा. विशेष रूप से आमंत्रित कथावाचक श्रीमान गिरिराज चंद्र प्रभु, जो माता सीता के जन्म स्थान सीतामढ़ी से आ रहे हैं, श्रीराम कथा का दिव्य प्रवचन करेंगे. उनके प्रवचनों में श्री राम के आदर्श जीवन, मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप और उनके द्वारा स्थापित धर्म के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला जायेगा. भगवान श्रीराम की कथा को नाटकीय रूप में प्रस्तुत किया जायेगा. भक्तों द्वारा मंच पर भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और अन्य प्रमुख पात्रों के अभिनय को जीवंत किया जायेगा. इसके अलावा भगवान श्रीराम को 56 प्रकार के भोग अर्पित किये जायेंगे. इस प्रसाद में विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, फल, मिष्ठान्न, सूखे मेवे और अन्य दिव्य प्रसाद शामिल होंगे. छप्पन भोग भगवान को अर्पित करने के बाद इसे भक्तों में वितरित किया जायेगा. भक्तों के लिए भक्ति रस में डूबने का अवसर प्रदान करने के लिए सुमधुर कीर्तन का आयोजन किया जायेगा. हरिनाम संकीर्तन के माध्यम से भक्त ईश्वर के चरणों में लीन होंगे. कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था की गयी है. इस महाप्रसाद में स्वादिष्ट और सात्विक भोजन परोसा जायेगा, जिससे भक्त आध्यात्मिक संतुष्टि प्राप्त कर सकेंगे.
शोभायात्रा को भव्य बनाने में जुटे रामभक्त
सोमवार को शहर में रामनवमी पर भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी. गाजा-बाजा, हाथी-घोड़ा व झांकी के साथ शोभा यात्रा पूरे शहर में भ्रमण करेगी. ब्लॉक पूजा समिति के सदस्य इसे भव्यता प्रदान करने में जुटे हुए हैं. वैसे ब्लॉक परिसर में रामनवमी पर नवाह परायण महायज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें रामचरित मानस पाठ और संध्या में अयोध्या से आये कथावाचकों द्वारा प्रवचन दिया जा रहा है. रामलीला का भी आयोजन किया जायेगा. समिति के अध्यक्ष शशि सिंह, संरक्षक सुजीत कुमार सिंह, संयोजक शशांक शेखर सहित अन्य बताया कि छह अप्रैल को अखाड़ा परिसर में भव्य भंडारा होगा. इसके बाद सात अप्रैल को शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली जायेगी. आयोजन में सभी सदस्य जुटे हैं.आज रामनवमी को होगी दुर्गासप्तशती पाठ की पूर्णाहुति
औरंगाबाद/कुटुंबा. सनातन में रामनवमी का खास महत्व है. रविवार चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को विधि विधान से रामजन्मोत्सव मनाया जायेगा. श्रद्धालुओं द्वारा इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है ज्योतिर्विद सह संगीतमयी श्रीराम कथा गायक डॉ हेरम्ब कुमार मिश्र ने बताया कि त्रेतायुग में धर्म की स्थापना और असुरों के अत्याचार से पृथ्वी को मुक्त करने के लिए भगवान विष्णु का रामावतार हुआ था. उन्होंने बताया कि सनातन में रामनवमी व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से बड़ा कोई पर्व नहीं है. वासंतिक नवरात्र के नौवें दिन की पूजा आज ही पूर्ण होगी. श्रद्धालुओं द्वारा नौ दिनों से किये जा रहे श्रीदुर्गासप्तशती व श्रीरामचरितमानस पाठ अनुष्ठान की पूर्णाहुति भी आज ही की जायेगी. इस बार संवत 2082 की रामनवमी के बहुत अच्छे योग मिल रहे हैं जो श्रद्धालुओं एवं भक्तों के लिए मनोवांछित फलप्रदायक हैं. आज रात 11 बजकर 13 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी. दिन में 9 बजकर 40 मिनट के पूर्व उदयकालीन पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा. उसके बाद पुष्य नक्षत्र में सुकर्मा योग होगा. दिन में 9 बजकर 40 मिनट के बाद से रविवार दिन को पुष्य नक्षत्र होने के कारण सर्वार्थसिद्धियोग भी है. दोपहर 12 बजे से 2 बजकर 18 मिनट तक कर्क लग्न में की जानेवाली रामनवमी पूजा विशेष फलदायी होगी. ऐसे में पूरे दिन रामजन्म का उत्सव आज मनाया जायेगा.मानस जयंती भी आज
ज्योतिर्विद ने बताया कि आज के ही दिन मानस जयंती भी मनाई जायेगी. संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी ने हिन्दी वर्ष के अनुसार संवत 1631 के चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को ही श्रीरामचरितमानस की रचना प्रारंभ की थी. ऐसे में इसी दिन विधिवत श्रीरामचरितमानस जयंती मनाई जाती है. उन्होंने बताया कि श्रीरामचरितमानस समस्त हिंदू जगत का गौरव ग्रंथ है. श्रीरामचरितमानस की रचना में बाबा तुलसीदास को दो वर्ष सात महीने और छब्बीस दिन लगे थे. शंभूनाथ की कृपा से यह धार्मिक और साहित्यिक महाग्रंथ मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी को जन-जन के बीच प्रकाशित हुआ जिसपर भगवान शिव की असीम कृपा है. मानस मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती है. भगवान श्री राम असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब-जब आसुरी शक्ति का विकास होने लगता है तब-तब प्रभु अवतरित होकर धर्म एवं अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. उन्होंने बताया कि तुलसी रचित मानस की हर पंक्तिया महामंत्र हैं. इधर आचार्य राधाकृष्ण पांडेय उर्फ गुड्डू पांडेय ने बताया कि रामचरित मानस मंगलकारी ग्रंथ है. संक्रमण काल के दौरान मानस पाठ करने से व्यक्ति को दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है और घर परिवार में समृद्धि आती है.राम नाम मंत्र से गुंजायमान होगा वातावरण
आज रामनवमी को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है. रामजन्मोत्सव को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में राम नाम अखंड कीर्तन शुरू हो गया है. सूही गांव के देवी मंदिर में आचार्य शिवपूजन पांडेय के सानिध्य में शनिवार से ही 24 घंटे का राम नाम अनुष्ठान शुरू है. राम नाम की ध्वनि से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा है. इधर अंबा के लभरी परसावां स्थित राधाकृष्ण मंदिर में आज से 72 घंटे का अखंड कीर्तन शुरू किया जाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है