औरंगाबाद ग्रामीण. शहर के धर्मशाला चौक के समीप गणपति मंदिर प्रांगण में आयोजित 10 दिवसीय गणेशोत्सव का समापन शनिवार को शोभायात्रा व बप्पा की विदाई के साथ हो गया. देर शाम अदरी नदी तट पर भारी मन से हजारों श्रद्धालुओं ने गणपति की प्रतिमा का विसर्जन किये. इससे पहले अंतिम महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. जय गणेश–जय गणेश देवा के जयघोष से पूरा शहर गूंजयमान हो उठा. गणेश सेवा समिति के संरक्षक रंजीत कुमार सिंह ने 10 दिनों तक चलने वाले उत्सव में उत्साह के साथ शामिल होने वाले हजारों श्रद्धालुओं का आभार जताया. कौशल कुमार सिंह उर्फ पिंटू, ओम प्रकाश पांडेय, ब्रजेश सिंह, अभय सिंह, विनय सिंह, भोला सिंह, वृंद सिंह, दीपक ठाकुर, मनोज सिंह, रवि शर्मा आदि सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही. दानिका सांस्कृतिक संस्थान के कलाकार डॉ रविंद्र कुमार के साथ-साथ सनोज सागर, प्रवीण सिंह, राघवेंद्र कुमार सिंह जैसे कलाकारों ने महोत्सव के दौरान अपनी दमदार प्रस्तुति से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया.
कलाकारों ने नृत्य व गीत-संगीत से शोभायात्रा में लगाया चार चांद
अगले बरस तू फिर आना के आमंत्रण के साथ भगवान सिद्धिविनायक को विदाई दी गयी. ढोल-नगाड़े, ताशे के बीच गणपति बप्पा मोरया, एक -दो तीन -चार गणपति की जय-जयकार के जयघोष से पूरा शहर गूंज उठा. शंकर-पार्वती, राधा- कृष्ण, भगवान गणेश आदि के वेश धरे कलाकारों ने नृत्य व गीत संगीत से शोभा यात्रा में चार चांद लगा दिया. यूं कहे कि इन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया. गणेश मंदिर के प्रांगण से निकला भक्तों का कारवां जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया, वैसे-वैसे भक्तों का हुजूम उमड़ता चलता गया. सिर पर भगवा पगड़ी बांधे युवक भक्ति गीतों पर थिरकते रहे. खासकर वृंदावन से आये कलाकारों के नृत्य पर श्रद्धालु थिरकते हुए नजर आये. शहरवासियों ने भी दिल खोलकर शोभा यात्रा का स्वागत किया. अपनी-अपनी दुकानें बंद कर व्यवसायी जुलूस में शामिल हुए. शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह जलपान व पानी की व्यवस्था की गयी थी. अल्पसंख्यक समाज के सल्लू खान आदि द्वारा भी व्यवस्था की गयी थी.
शोभा यात्रा में महिलाओं का दिखा उत्साह
गणेशोत्सव के शोभायात्रा में हजारों महिलाएं शामिल हुई. जिस वक्त भगवान की प्रतिमा मंदिर से शोभायात्रा के लिए वाहन पर रखी जा रही थी उस वक्त का दृश्य भावनाओं से भरा था. मंदिर परिसर के चारों तरफ महिलाओं की भीड़ थी और वे बार-बार गणपति की जयघोष कर रही थी. बप्पा की विदाई का यह भावुक क्षण महिलाओं को पीड़ा देने वाला था. जिन महिलाओं ने महाआरती में अपनी जबर्दस्त उपस्थिति दर्ज करायी उनके आंखों में आंसुओं का सैलाब था.सुरक्षा के रहे कड़े बंदोबस्त
गणेशोत्सव को लेकर जिला मुख्यालय में एक अलग माहौल था. शोभायात्रा का स्वागत अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने भी दिल खोलकर किया. बड़ी मस्जिद के समीप श्रद्धालुओं की सेवा की. इधर, शोभायात्रा को देखते हुए पूरे शहर में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किये गये थे. पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

