औरंगाबाद शहर. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के सर्वेक्षण में वैसे परिवारों का नाम भी शामिल कर लिया गया, जो लाभ लेने की पात्रता नहीं रखते हैं. ऐसे लोग एक-दो नहीं है, बल्कि सैंकड़ों की संख्या में है. जिले के विभिन्न प्रखंडों में ऐसे 702 अयोग्य परिवारों को चिह्नित किया गया है. अब इन्हें रिमांड करने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा 110 परिवार ऐसे हैं, जिनके पास जमीन उपलब्ध नहीं है. ये मामले गुरुवार को ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान सामने आये. जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने निर्धारित अग्रिम भ्रमण कार्यक्रम के तहत सभी बीडीओ व कार्यक्रम पदाधिकारियों के साथ ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा की. समीक्षा में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 व 2025-26 में औरंगाबाद जिले को 26339 मकानों का लक्ष्य मिला था. जिले में दोनों वित्तीय वर्ष में 25247 लाभुकों के आवास की स्वीकृति दी गयी है. जबकि, 1092 लाभुकों के आवास की स्वीकृति अब तक लंबित है. लंबित स्वीकृति की समीक्षा में बीडीओ ने जानकारी दी गयी कि 702 परिवार वैसे हैं जो लाभ के योग्य नहीं हैं और उन्हें रिमांड किया जाना है. यानी सर्वेक्षण सूची से उन्हें बाहर किया जायेगा. इसके अलावा 110 परिवार के पास जमीन नहीं रहने के कारण स्वीकृति लंबित है. 207 परिवार वर्तमान में अस्थायी पलायन कर चुके हैं. जबकि आठ परिवारों के मृत रहने, 45 परिवारों का आधार व तीन अन्य कारण से लंबित है. भूमिहीन परिवारों के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा संबंधित बीडीओ को निर्देश दिया गया कि वैसे परिवारों को बीडीओ स्वयं सत्यापन करते हुए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, औरंगाबाद कार्यालय का प्रतिवेदन समर्पित करेंगे तथा जितने भी प्राथमिकता सूची में अयोग्य परिवार हैं उन्हें एक से दो दिनों में रिमांड कर दें. साथ ही लंबित प्रथम किस्त, द्वितीय व तृतीय किस्त के भुगतान में प्रगति लाते हुए आवास पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया.
सर्वेक्षण से जुड़ी शिकायतें मिलने पर डीएम नाराज
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण सर्वे 2024 की समीक्षा में पाया गया कि 14 मई तक 221242 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया है. इसमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 72481 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया है. जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया कि आमलोगों से शिकायत मिल रही है कि सर्वेक्षणकर्ता द्वारा बहुत से अप्राप्त परिवारों का सर्वेक्षण किया गया है. जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के लेखा प्रशासन के निदेशक को निर्देश दिया गया कि सभी प्रखंडों से कुछ पंचायतों का औचक चयन करते हुए जिला स्तर से टीम बनाकर जांच करायी जाये. जांच प्रतिवेदन में अधिक संख्या में अयोग्य परिवार के सर्वेक्षण में नाम शामिल करने की शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित सर्वेक्षणकर्ता पर कड़ी कार्रवाई की जाये.महादलित टोलों में शौचालय बनाने का निर्देश
बैठक में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की समीक्षा करते हुए डीएम ने निर्देश दिया कि महादलित टोलों में प्राथमिकता के आधार पर शौचालय का निर्माण कराया जाये. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर सघन अभियान चलाकर शौचालय विहीन परिवारों को चिह्नित किया जाये और जीविका दीदियों एवं महादलित परिवारों को विशेष रूप से जोड़ा जाये. उन्होंने प्रखंड समन्वयकों को निर्देशित किया कि सभी वार्डों में कचरा उठाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें. जिन क्षेत्रों में यह कार्य नहीं हो रहा है, वहां मुखिया के साथ बैठक कर तुरंत कार्य प्रारंभ किया जाये.मनरेगा योजनाओं की प्रगति की समीक्षा
बैठक में मनरेगा योजनाओं की भी समीक्षा की गयी, जहां जिलाधिकारी ने अपूर्ण खेल मैदानों का कार्य शीघ्र पूर्ण करने तथा लंबित कार्यों को अनुमोदित प्राक्कलन के अनुसार पूर्ण कराने का निर्देश दिया. इस समीक्षा बैठक में उप विकास आयुक्त अनन्या सिंह, डीआरडीए निदेशक, लेखा पदाधिकारी, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के समन्वयक, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं कार्यक्रम पदाधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है