औरंगाबाद शहर. जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की प्रवृत्ति, उनके कारणों तथा रोकथाम के लिए ठोस व प्रभाव कदम उठाये जायेंगे. इसपर गंभीरतापूर्वक विमर्श के लिए कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जिलाधिकारी सह जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई. बैठक के आरंभ में जिलाधिकारी जिले में पिछले माह हुई सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों के विश्लेषण से अवगत हुए. बताया गया कि जनवरी से मई 2025 तक जिले में सड़क दुर्घटनाओं में 177 व्यक्तियों की जान गयी है. इन घटनाओं में 100 लोग घायल हुए हैं. डीएम ने इसे अत्यंत ही गंभीर और चिंताजनक बताया व संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा को लेकर विभागीय समन्वय और कर्तव्यों के निर्वहन में किसी प्रकार की लापरवाही न हो. डीएम ने सड़क दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सभी चिह्नित ब्लैक स्पॉट स्थलों पर आवश्यक संरचनात्मक सुधार जैसे- साइनेज, चेतावनी बोर्ड, रंबल स्ट्रिप्स एवं स्पीड ब्रेकर आदि की शीघ्र स्थापना सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित अभियंताओं को दिया. साथ ही उन्होंने सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की रोकथाम के लिए जिले में हेलमेट एवं सीट बेल्ट जांच अभियान को और अधिक सघन, सुनियोजित प परिणामोन्मुख बनाने की आवश्यकता जतायी.
जिले में लगातार चलाया जा रहा विशेष जांच अभियान
बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि परिवहन विभाग, बिहार, पटना से प्राप्त निर्देशों के आलोक में औरंगाबाद जिले में लगातार विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है. मोटरयान निरीक्षक, प्रवर्तन अवर निरीक्षक तथा सभी थाना प्रभारी नियमित रूप से हेलमेट एवं सीट बेल्ट की जांच कर रहे हैं. नियम उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए शमन शुल्क की वसूली की जा रही है. अप्रैल व मई 2025 में विभाग द्वारा निर्धारित 72 लाख रुपये के राजस्व लक्ष्य के विरुद्ध एक करोड़ 21 लाख 66 हजार रुपये की राशि वसूली गयी है, जो निर्धारित लक्ष्य का 168.97 प्रतिशत है. यह अभियान की सफलता को दर्शाता है. जिला परिवहन पदाधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों में संचालित वाहनों की सघन जांच की जा रही है, जिसके तहत अब तक 48 डिफाल्टर वाहनों पर शमन की कार्रवाई की गयी है तथा यह प्रक्रिया सतत रूप से संचालित है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
हिट एंड रन मामलों की हुई समीक्षा
हिट एंड रन मामलों की अद्यतन जानकारी साझा करते हुए यह बताया गया कि एक अप्रैल 2022 से अब तक जिले में इस श्रेणी के अंतर्गत 350 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 335 मामलों को जिला पदाधिकारी द्वारा अनुमोदित कर बीमा कंपनी (जीआइसी, मुंबई) को अग्रसारित किया गया है. इनमें से अब तक 259 लाभुकों के खातों में मुआवजा राशि का भुगतान हो चुका है. वहीं नन हिट एंड रन श्रेणी में जिले से 122 मूल संचिकाओं को ट्रिब्यूनल कोर्ट, गया में भेजा गया है, जिनका निराकरण प्रचलन में है. बैठक में सभी सदस्यों द्वारा सड़क सुरक्षा की दिशा में सामूहिक प्रयास, जन-जागरूकता अभियान, विभागीय समन्वय तथा समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया. पुलिस उपाधीक्षक द्वारा सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक माह सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित सभी अभिलेख जैसे-प्राथमिकी प्रतिलिपि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बीमा कागजात आदि की एक प्रति जिला परिवहन कार्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि मामलों के निबटारे में विलंब न हो और संबंधित लाभुकों को समय पर सहायता प्राप्त हो सके. बैठक में पुलिस उपाधीक्षक (यातायात), सिविल सर्जन, परियोजना निदेशक एनएचएआइ सासाराम, एनएच-139 एवं एनएच-120 के प्रतिनिधि, जिला परिवहन पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक, प्रवर्तन अवर निरीक्षक सहित अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
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