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सदर अस्पताल के शौचालय में नशेड़ी खुद से ले रहे इंजेक्शन

शौचालय में मिला नीडल और सिरिंज, पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं

शौचालय में मिला नीडल और सिरिंज, पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं

औरंगाबाद ग्रामीण. सदर अस्पताल की व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसके बावजूद यहां की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. सदर अस्पताल नशेड़ियों का अड्डा बनता जा रहा है. वह भी अस्पताल परिसर के शौचालय में. बताया जाता है कि बाहर से नशेड़ी आते हैं और शौचालय में जाकर नशीला इंजेक्शन लेते हैं तथा फिर वहां से चले जाते हैं. यह चिंता की बात है कि सदर अस्पताल भीड़-भाड़ वाला इलाका है और किसी को इस पर शक भी नहीं होता. शौचालय की दीवारों पर नशीले इंजेक्शन, सिरिंज और नीडल खुले रूप में पड़े रहते हैं. प्रतिदिन सैकड़ों लोग इस शौचालय का उपयोग करते हैं, लेकिन इन खतरनाक सामग्रियों पर किसी की नजर नहीं पड़ती. सफाईकर्मियों द्वारा रोज सफाई की जाती है, लेकिन सिर्फ औपचारिकता के तौर पर. अस्पताल प्रशासन के लिए यह अब आम बात बन चुकी है, क्योंकि इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं. पहले भी स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को इंजेक्शन लगाकर उन्हें बाहर छोड़ दिया करते थे. कभी स्वास्थ्यकर्मी लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक करते थे, लेकिन अब स्वयं उन्हें जागरूक होने की जरूरत है. मंगलवार को वार्ड नंबर 29 के बगल वाले शौचालय में नशीला इंजेक्शन, सिरिंज और नीडल दो स्थानों पर फेंका हुआ पाया गया. बड़ी बात यह है कि सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद अस्पताल में बेखौफ होकर यह काम हो रहा है. विभाग की भी इस पर कोई ठोस निगरानी नहीं दिख रही है. शौचालय में यह इंजेक्शन कहां से आया और किसने इसका उपयोग किया, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.

नशीली इंजेक्शन का शिकार हो रहे युवा

ज्ञात हो कि औरंगाबाद शहर में नशेड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लोगों की नजरों से बचने के लिए उन्हें सदर अस्पताल एक सुरक्षित ठिकाना नजर आता है. यहां वे आसानी से इंजेक्शन लेकर निकल जाते हैं. यह भी स्पष्ट है कि कोई नर्स या स्टाफ उन्हें इंजेक्शन नहीं देता, बल्कि वे खुद इसका उपयोग करते हैं. इससे समाज और उनकी सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाने का दावा करता है, लेकिन धरातल पर इसका असर नहीं दिख रहा है.

पहले भी मिल चुका है नशीला इंजेक्शन

इससे पूर्व भी अस्पताल परिसर में निडिल, स्लाइस की बोतलें और दवाइयां फेंकी मिली थीं. उस समय स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की बात कही थी. नशेड़ियों पर निगरानी बढ़ायी गयी थी और मेडिकल स्टोरों को बिना पर्ची इंजेक्शन व सिरिंज नहीं देने का निर्देश दिया गया था. कुछ दिनों तक व्यवस्था नियंत्रित रही, लेकिन अब फिर स्थिति जस की तस होती जा रही है. डॉक्टरों के अनुसार यदि नीडल किसी को चुभ जाये, तो गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं. यहां तक कि एचआईवी संक्रमण का खतरा भी बना रहता है. सदर अस्पताल प्रबंधक प्रफुल कांत निराला ने बताया कि शौचालय की दीवार पर नशीला इंजेक्शन, सिरिंज और निडिल फेंके जाने की सूचना मिली है. मामले की जांच कर सीसीटीवी फुटेज खंगाले जायेंगे. असामाजिक तत्वों और नशाखोरों पर नजर रखी जाएगी तथा पहचान कर कार्रवाई की जायेगी.

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