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विकट परिस्थिति में भी सही मार्ग से नहीं भटकने वाला व्यक्ति पूज्य : गोविंदाचार्य

मंझौली में शतचंडी महायज्ञ में श्रद्धालुओं की उमड रही भीड़

अंबा. कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र के मंझौली गांव में नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड उमड़ रही है. श्री श्री 108 जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री गोविंदाचार्य जी स्वामी महाराज के सानिध्य में आयोजित महायज्ञ में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर रहे हैं. गुरुवार को देव दर्शन के लिए मां देवी की प्रतिमा का नगर भ्रमण कराया गया. यज्ञ समिति के सदस्य व ग्रामीण मां की प्रतिमा डोली पर सजाकर गाजे-बाजे के साथ जयकारा लगाते हुए नगर भ्रमण कराये. इस दौरान गांव में जगह-जगह पर पूजन आरती की गयी. संध्या काल से लेकर देर रात तक प्रवचन का दौर चलता रहा. कथावाचक के दौरान यज्ञकर्ता स्वामी जी महाराज ने कहा कि सत्य कर्म ही सबसे बड़ी पूजा है. सही मार्ग पर चलने के लिए व्यक्ति को कई बार कठिन परिस्थितियों से भी गुजरना पड़ता है, परंतु विकट परिस्थिति में भी सही मार्ग से नहीं भटकने वाला व्यक्ति पूज्य होता है. इस संसार में ही नहीं बल्कि स्वर्ग में भी उनकी पूजा होती है. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में निजी स्वार्थ को लेकर लोग एक दूसरे के प्रति दुर्भावना से प्रेरित होकर दुराचार करते हैं. इससे बचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बड़े बुजुर्गों की सेवा जरूरतमंदों को सहयोग महिलाओं का सम्मान तथा हर जीव जंतु से प्रेम का भाव रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अपनी आमदनी का कुछ भाग धर्म या फिर जरूरतमंदों के लिए दान जरूर करें. इससे घर परिवार एवं समाज में सुख शांति एवं समृद्धि होती है.

श्री राम के आदर्श को अपना लेने मात्र से समाज में शांति की हो जायेगी स्थापना : अनुराधा सरस्वती

प्रसिद्ध कथा वाचिका अनुराधा सरस्वती ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शों को अपनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के जीवनी के अध्ययन करने से कर्तव्य का बोध होता है. रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने भगवान श्री राम के जीवन का वर्णन करते हुए समाज के प्रति हर व्यक्ति के कर्तव्य का बोध कराया है. मानस में पिता एवं पुत्र, मां-बेटा, राजा-प्रजा, पति-पत्नी, भाई, सखा सभी तरह के रिश्तों के प्रति जवाबदेही का उल्लेख मिलता है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्मावलंबियों के लिए भगवान राम चारित्रिक उत्कर्ष के शीर्ष पर रहते हैं. युगों से राम कथा का श्रवण कर जीवन को आनंदमय बनाने के लिए लोग इसे सांसारिक जीवन का सर्वोच्च प्राप्ति मानते हैं. इस क्रम में उन्होंने राम के राज्याभिषेक की तैयारी एवं वनवास की घटना का वर्णन किया. यज्ञ के आयोजन में यशवंत कुमार सिंह, शिवकुमार सिंह, मिथिलेश सिंह, उपेंद्र सिंह, योगेंद्र पासवान, अजय पासवान, दूधेश्वर सिंह, जगदीप सिंह, दिलीप सिंह, भगवान सिंह, रणजीत सिंह, विवेक कुमार सिंह, राम नारायण सिंह, बिंदेश्वरी प्रसाद सिंह, अखिलेश यादव, रामपति यादव, रामनंदन पासवान, रंजीत भूईंयां, सरोज ठाकुर, त्रिपुरारि सिंह, अमरेंद्र कुमार आदि सफल बनाने में जुटे हैं.

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