अंतिम लग्न व मुंडन के मुहूर्त पर सूर्य मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब
देव सूर्य मंदिर में मन्नत पूरी होने बच्चों का कराया मुंडन संस्कारप्रतिनिधि, औरंगाबाद/देव़
प्रसिद्ध ऐतिहासिक देव सूर्य मंदिर में रविवार को भगवान सूर्य के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भीषण गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं के हौसले में किसी तरह की कोई कमी देखने को नहीं दी. अंतिम लग्न व मुंडन के शुभ मुहूर्त के कारण सामान्य दिनों की अपेक्षा रविवार को सूर्य मंदिर में भक्तों की अधिक भीड़ पहुंची. पसीने से तरबतर होने के बावजूद श्रद्धालु पूरे जोश के साथ भगवान सूर्य नारायण का दर्शन करने पहुंच रहे थे. श्रद्धालुओं ने आस्था को प्रकट करते हुए भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की. गर्मी के कारण बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था. सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. भगवान सूर्य के जयघोष से मंदिर परिसर गुंजायमान रहा.मुंडन संस्कार के लिए जुटे श्रद्धालु
धार्मिक एवं पौराणिक महत्ता को लेकर देव सूर्य मंदिर में ही मुंडन संस्कार को लेकर काफी संख्या में लोग पहुंचे. सुबह से लेकर दोपहर तक आने-जाने वाले लोगों का सिलसिला पूरे दिन जारी रहा. दोपहर के बाद आने वाले लोगों की संख्या में कमी आयी. पौराणिक मान्यता के अनुसार, मुंडन संस्कार को लेकर सबसे ज्यादा लोगों की भीड़ सूर्य मंदिर में लगी रही. मुंडन का शुभ मुहूर्त अंतिम समय में होने के कारण सुबह से ही अप्रत्याशित भीड़ जुट गयी. इस दौरान न केवल जिले, बल्कि अन्य जिलों के साथ ही समीप के झारखंड राज्य से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. देव में पूरे दिन मुंडन संस्कार एवं मन्नत को लेकर लोग आते-जाते रहे. वन-वे रास्ता होने से मिली राहतदेव थाना मोड़ से गुजरने वाले वैसे चारपहिया वाहन जिसकी पूजा नहीं करानी थी, उसे रानी तालाब के पास लगाया गया. वाहनों की पूजा कराने वाले श्रद्धालु रसीद कटा कर आगे हॉस्पिटल मोड़ से कन्हैया मोड़ पोखरा-कंवल तनुज मोड़ होते हुए पार्किंग स्थल किला मैदान के पास तक गये और उसी जगह पर वाहनों की पूजा करायी. वहीं, हॉस्पिटल मोड़ से सूर्य मंदिर से आने वाले वाहन के लिए वन-वे रखा गया. बिना रसीद वाले वाहनों को कंवल तनुज मोड़ पर ही रोक दिया गया. चांदनी चौक मोड़ मस्जिद की ओर से सूर्य मंदिर की ओर जाने वाले वाहनों को चांदनी चौक से पोखर की ओर मोड़ दिया गया. बिना रसीद वाले वाहन पोखर के पास पार्किंग किये गये. सूर्य मंदिर के आगे बाइक जो पूजा कराने के लिए लायी गयी, उसके लिए सूर्य मंदिर के समीप बैरिकेडिंग लगाकर व्यवस्था बनायी गयी थी. पूजा कराने के अलावे आने वाली अन्य बाइकों का पार्किंग स्थल (सूर्य मंदिर किला के समीप) बनाया गया. प्रशासन की ओर से वन-वे रूट लागू करने के बाद श्रद्धालुओं ने प्रशासन के निर्णय का स्वागत किया है. श्रद्धालुओं ने सराहना करते हुए कहा कि इससे उन्हें सुरक्षित और सुगम दर्शन का अनुभव हो रहा है. सूर्य मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम हुई है. पुलिस प्रशासन जाम से निजात दिलाने में पूरी तरह जुटा हुआ है. इससे आम लोगों को भले ही परेशानी हुई, लेकिन सूर्य मंदिर के पास रहने वाले व्यवसायियों की आमदनी बढ़ गयी है. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कई कदम उठाये हैं, जिनमें से एक वन-वे रूट भी था. यह रूट मंदिर पहुंचने और देव से बाहर जाने के लिए है, ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ न हो और दर्शन सुलभ हो सके.अधिकारी व पुलिस बल रहे सक्रियभीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस की तैनाती की गयी थी. पुरुष एवं महिला सिपाही सुरक्षा में तैनात रहे. सीओ दीपक कुमार और थानाध्यक्ष कुमार सौरभ हर मार्ग पर गतिशील रहे. उन्होंने बताया कि देव सूर्य मंदिर पौराणिक व ऐतिहासिक मंदिरों में एक है. देश के विभिन्न राज्यों से काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान भास्कर की पूजा-अर्जना करने पहुंचते हैं. यहां पर बाहर से आने वाले श्रद्धालु व आम लोगों की सुविधा तथा आवागमन को सुचारू रूप से बनाये रखने की आवश्यकता है. स्थानीय लोगों से इस कार्य में सहयोग की अपील की है. श्रद्धालुओं को किसी तरह की तकलीफ से बचने के लिए न्यास समिति ने बेहतर व्यवस्था के साथ ही गर्मी से बचने के लिए हर संभव उपाय किया है. श्रद्धालुओं की सेवा में न्यास समिति लगातार प्रयासरत है. औरंगाबाद के अलावा गया, रोहतास, अरवल, जहानाबाद व झारखंड के पलामू समेत अन्य जिलों से श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे. मंदिर में भगवान सूर्य तीन स्वरूपों में विराजमान हैं. ऐसी मान्यता है कि तीन स्वरूपी भगवान सूर्य के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. भीड़ के कारण देव की सड़कें जाम रहती थीं.
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